लद्दाख में भारत-चीन के बीच तनाव:वायुसेना प्रमुख ने कहा- उत्तरी मोर्चे पर न युद्ध और न शांति जैसे असहज हाला

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(www.arya-tv.com)लद्दाख में चीन के साथ जारी तनाव के बीच वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भौदरिया ने कहा कि उत्तरी मोर्चे पर हालात असहज हैं। यहां न युद्ध है और न ही शांति। एक सेमिनार के दौरान एयर चीफ मार्शल ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने परिस्थितियों के लिहाज से काफी तेज प्रतिक्रिया दी है और हम किसी भी हरकत से निपटने के लिए तैयार हैं।

भारत-चीन के बीच जारी तनाव के दौरान इसी महीने वायुसेना में 5 राफेल फाइटरजेट शामिल किए गए हैं और पिछले कुछ हफ्तों से राफेल की टुकड़ी लद्दाख की उड़ानें भर रही है।

राफेल शामिल होने के बाद क्षमता में इजाफा हुआ
चीफ ऑफ एयर स्टाफ ने कहा कि राफेल, सी-17 ग्लोब मास्टर, चिनूक और अपाचे जैसे एयरक्राफ्ट के वायुसेना में शामिल होने के बाद से हमारी क्षमताओं में बहुत इजाफा हुआ है। भविष्य के किसी भी युद्ध में वायुसेना की ताकत ही जीत के लिए अहम होगी। ऐसे में हमारे लिए यह जरूरी हो जाता है कि हम तकनीक हासिल करें और इस नजरिए से विरोधियों से आगे रहें।

एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने कहा कि बहुत ही कम समय में हमने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस की दो स्क्वॉड्रन तैयार कर ली हैं और सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट को स्वदेशी हथियारों से लैस किया है। यह देश की युद्ध सामग्री तैयार करने की क्षमता को दिखाता है।

सेना भी लद्दाख में तैयार, टैंक तैनात किए
लद्दाख में सेना ने सर्दी के लंबे मौसम में भी मोर्चा संभालने की तैयारियां पुख्ता कर ली हैं। सेना ने पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास आर्मर्ड रेजीमेंट के टी-90 और टी-72 टैंकों की तैनाती की है। इसके अलावा बीएमपी-2 कॉम्बैट व्हीकल भी भेजे गए हैं। यह युद्धक टैंक 14 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर चुमार-डेमचोक एरिया में तैनात किए गए हैं। इसे टैंकों के लिहाज से दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र कहा जाता है