लखनऊ, अमृत विचारः चारबाग इन दिनों गंभीर ट्रैफिक अव्यवस्थाओं से जूझ रहा है। नत्था तिराहे से लेकर केकेसी पेट्रोल पंप तक का इलाका लगभग पूरे दिन जाम की चपेट में रहता है। बेरिकेडिंग के बावजूद वाहन चालक नियमों की अनदेखी करते हुए उल्टी दिशा में वाहन चलाते नजर आते हैं, जिससे स्थिति और भयावह हो जाती है।
नत्था तिराहे पर यातायात सुचारु करने के उद्देश्य से बेरिकेडिंग लगाई गई है, लेकिन ऑटो और निजी वाहन चालक इन्हें नजरअंदाज कर गलत दिशा में वाहन दौड़ा रहे हैं।यही स्थिति रविंद्रालय के पास भी देखने को मिलती है। यहां आवागमन को आसान बनाने के लिए बैरिकेड लगाए गए हैं, लेकिन ई-रिक्शा, ऑटो और टेंपो की अव्यवस्थित कतारें ट्रैफिक को सुलझाने के बजाय और उलझा रही हैं।
चारबाग रोडवेज डिपो की स्थिति भी कम जिम्मेदार नहीं है। रोडवेज की बसें डिपो के अंदर खड़ी होने के बजाय गेट के बाहर सड़क पर ही सवारियां भरती दिखाई देती हैं। इससे सड़क की चौड़ाई कम हो जाती है और जाम की स्थिति बन जाती है। वहीं मेट्रो स्टेशन के पास भी सड़क किनारे खड़ी रोडवेज बसें यातायात में बाधा उत्पन्न कर रही हैं।
रवींद्रालय के सामने ऑटो, टेंपो और ई-रिक्शा की बेतरतीब कतारें, स्टेशन परिसर में अनधिकृत वाहनों की मौजूदगी और कैबवे बंद होने के कारण जंक्शन के सामने बढ़ता वाहन दबाव जाम के प्रमुख कारण बने हुए हैं। सुबह और शाम के समय स्थिति सबसे अधिक गंभीर हो जाती है, जब यात्रियों और वाहनों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है।
राहगीरों का कहना है कि रोजाना जाम में फंसकर समय और ईंधन दोनों की बर्बादी हो रही है। एंबुलेंस और आपातकालीन वाहनों को भी निकलने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
