69 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों की मांग पूरी करने के लिए चन्द्रशेखर लगातार तीसरे दिन धरने में हुए शामिल

Lucknow

(www.arya-tv.com) 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण के तहत नियुक्ति किए जाने की मांग को लेकर अभ्यर्थी बीते 73 दिनों से लखनऊ के इको गार्डन में धरने पर बैठे हैं। सोमवार को तीसरे दिन भी भीम आर्मी के प्रमुख और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर अभ्यार्थियों के साथ धरने में शामिल हुए।

उन्होंने कहा कि अभ्यर्थी नियुक्ति की मांग को लेकर बीते कई दिनों से धरना दे रहा है। लेकिन इनकी सुनवाई नहीं हो रही है। अभ्यर्थी जब भी किसी जनप्रतिनिधि के पास अपनी परेशानी लेकर जाते हैं तो भाजपा सरकार के मंत्री लाठी चार्ज करवा देते हैं। भाजपा कार्यालय जाने पर परसों इनके साथ मारपीट की गई। ये ठीक नहीं है।

जब तक मांग पूरी नहीं होगी, आन्दोलन जारी रहेगा
चन्द्रशेखर ने साफ कर दिया कि अभ्यर्थियों की मांग जब तक पूरी नहीं होगी। आंदोलन जारी रहेगा। अगर जरूरत पड़ी तो सड़क से लेकर सदन तक प्रदर्शन और घेराव किया जाएगा।
वह पहले भी कह चुके हैं कि इस आंदोलन से पूरी तरह जुड़ चुके हैं। अब मांग पूरी होने तक वह इस लड़ाई को छोड़ने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि 2022 के विधान सभा चुनाव में यही नौजवानभाजपा नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाएंगे।

अभ्यर्थियों के दो सवाल
• 69000 शिक्षक भर्ती में ओबीसी को 27 प्रतिशत के स्थान पर उनके कोटे में 3.86 प्रतिशत आरक्षण क्यों?

• भर्ती में दलित वर्ग को 21 प्रतिशत के स्थान पर उनके कोटे में 16.6 प्रतिशत आरक्षण क्यों?

अभ्यर्थियों की दो मांगे
• आरक्षण नियमावली बेसिक शिक्षा विभाग उप्र 1994 का सही ढंग से पालन न होने की वजह से 15000 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी चयन से वंचित हो गए।

• संविधान से मिले आरक्षण के अधिकार 27 प्रतिशत और 21 प्रतिशत को पूरी तरह से लागू किया जाए।

मंत्री व मुख्यमंत्री कार्यालय तक दे चुके हैं धरना
प्रदर्शन कर रहे हैं अभ्यर्थियों ने बीते 1 महीने के अंदर बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास पर चार बार घेराव किया और मुख्यमंत्री के आवास पर दो बार जाने से पहले हिरासत में लिया गया। 26 अगस्त को प्रदर्शन कर्मियों ने भाजपा मुख्यालय के गेट पर धरना दिया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ‘योगी जी न्याय दो, शिक्षा मंत्री न्याय’ दो के नारे लगाए।

इसमें बताया कि वह लोग इसको लेकर सीएम और राज्यपाल को भी पत्र लिख चुके हैं। लेकिन अभी तक उनकी मांगों को नजरअंदाज कर गलत तरीके से भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया जा रहा है। कहा कि जल्द ही इसमें सुधार न हुआ तो हजारों प्रदर्शनकारी आंदोलन को उग्र करने को विवश होंगे। इसकी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी।