‘जब काम एक जैसा है तो सैलरी और सम्मान में भेदभाव क्यों’, चंद्रशेखर आजाद ने उठाया ये खास मुद्दा

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उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से सांसद और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने समान वेतन का मुद्दा उठाया है. नगीना सांसद ने संसद परिसर में हाथ में तख्ती लेकर समान काम, समान वेतन और समान सम्मान की बात करते हुए कर्मचारियों के हक में आवाज बुलंद की. उन्होंने कहा है कि समान कार्य करने पर संविदा कर्मियों को स्थायी कर्मचारियों से वेतन कम क्यों दिया जा रहा है.

इस मामले को लेकर नगीना सांसद ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा-“आज संसद भवन परिसर से कर्मचारियों के हक में आवाज बुलंद की. जब काम एक जैसा है, तो सैलरी और सम्मान में भेदभाव क्यों? माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी कहा है-“Equal Pay for Equal Work” हर कर्मचारी का हक है. संविधान के अनुच्छेद 14, 16 और 39(d) स्पष्ट तौर पर देश के प्रत्येक नागरिक को सरकारी नौकरियों में अवसर की समानता और समान कार्य के बदले समान वेतन का अधिकार बताते हैं. तो फिर समान कार्य करने पर संविदा कर्मियों को स्थायी कर्मचारियों से वेतन कम क्यों? यह अन्याय नहीं तो और क्या है?

समान कार्य कर रहे हैं तो समान वेतन मिलना चाहिए

नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने आगे लिखा-“समान काम, समान वेतन, समान सम्मान एक संवैधानिक और कानूनी सिद्धांत है. इसका अर्थ है कि अगर दो व्यक्ति समान योग्यता के साथ समान पद पर समान कार्य कर रहे हैं तो उन्हें समान वेतन मिलना चाहिए, चाहे वह स्थायी कर्मचारी हों या अस्थायी या संविदा कर्मचारी. देश के कर्मचारियों के हक, अधिकार और मान–सम्मान से जुड़े इस गंभीर मुद्दे पर भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) सरकार से विनम्र अनुरोध करती है कि इस महत्वपूर्ण विषय पर देश भर के कर्मचारियों के हित में स्पष्ट और प्रभावी कानून बनाया जाए और कर्मचारियों को उनका न्यायसंगत हक देने में सहयोग किया जाए.”

यह विधेयक विपक्ष को तोड़ने के लिए- चंद्रशेखर आजाद

वहीं नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को 30 दिन जेल में रहने पर पद से हटाने की मांग वाले विधेयक पर कहा यह विधेयक विपक्ष को तोड़ने के लिए है. यह संविधान विरोधी है, यह जनता का अपमान है. पिछले 11 सालों में किसी भी बीजेपी या एनडीए मंत्री के खिलाफ ईडी ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?