(www.arya-tv.com)उत्तराखंड के चमोली में रविवार को ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा हो गया। ग्लेशियर ऋषि गंगा नदी में टूटकर गिरा जिससे बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई। राहत और बचाव कार्य के दौरान चमोली जिला पुलिस ने अब तक 19 शव मिलने की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि अभी भी 200 से अधिक लोग लापता हैं। इस आपदा पर उत्तराखंड से जुड़े एक्टर्स ने शौक जताया है। दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान, इन अभिनेताओं ने उत्तराखंड में चल रहे पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ अपनी आवाज उठाई।
हम अपने पर्यावरण के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और ये उसी का नतीजा है: हिमानी शिवपुरी
ऐसा नहीं है कि उत्तराखंड में ये पहली बार हुआ है। कुछ साल पहले भी वहां के लोगों ने ऐसी दुःखद आपदा का सामना किया था। ना जाने हमारी सरकार कब समझेगी की वहा बसे पेड़-पहाड़ों के साथ छेड़-छाड़ ना करी जाए। वे कब सीखेंगे कि हमें हमारे पर्यावरण को रिस्पेक्ट करना चाहिए। हमें और पेड़ लगाने चाहिए ना की उन्हें काटना चाहिए। हम अपने पर्यावरण के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और ये उसी का नतीजा है। हमारी गंगा के साथ खिलवाड़ हो रहा है। हर दूसरे कदम पर डैम बनाए जा रहे हैं जिसकी फिलहाल उत्तराखंड को जरूरत नहीं है। कितने एक्टिविस्ट ने अपनी आवाज उठाई जिसको सभी ने नजर अंदाज कर दिया। आज कितने मजदूर अपनी जान गवा बैठे हैं। ये बड़ी दुःखद घटना है और इससे हम सभी को सिख लेनी चाहिए। चमोली जिले में मेरा पैतृक घर है। मेरे चाचा और उनका परिवार अभी भी वहा रहता है। वे सुरक्षित हैं हालांकि उनके आस पास बहुत नुक्सान हुआ है।
हमें इन पावर प्लांट्स की जरूरत नहीं है: रेनी ध्यानी
चमोली में मेरी मां का घर था जो अब पूरी तरह से बह चूका है। मुझे बहुत ही दुःख हो रहा है। 2 साल पहले मुख्य मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड टूरिज्म को बढ़ाने के लिए हम जैसे कुछ एक्टर्स को बुलाया था। इस शहर को आगे बढ़ता देखना चाहती हूं, लेकिन पिछले कुछ सालों में ऐसी दुःखद घटना हुई है की सोचकर ही दिल घबरा जाता है। क्या सच में हमें इन पावर प्लांट की जरूरत है? इन प्लांट्स को सक्सेसफुल बनाने के लिए हम कितना पर्यावरण का बलिदान देगें? पर्यावरण में बदलाव आने से वहा मौजूद लोगों की जान जा रही है। कोई ये बात क्यों नहीं समझता की हमें इन पावर प्लांट्स की जरूरत नहीं है। देवभूमि के नाम से जाना जाता है उत्तराखंड, इस भूमि के साथ खिलवाड़ नहीं होनी चाहिए।