कोरोना महामारी के समय में थाइराइड मरीजों की देखभाल : डॉ. ज्ञान चंद

# ## Lucknow
  • कोरोना महामारी के समय में थाइराइड मरीजों की देखभाल

(www.arya-tv.com)कोरोना इन्फेक्शन को WHO ने महामारी के रूप में घोषणा की है, और कुछ लोगों के लिए जैसे बुजुर्ग लोग , गर्भवती महिलाएं तथा अन्य बीमारी जैसे अनियमित मधुमेह , उच्च रक्त चाप , हार्ट फेल, अस्थमा , क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज ( COPD ) एवं कैंसर इत्यादि से ग्रसित लोगों के लिए तो यह एक मेडिकल इमरजेंसी है। लेकिन हमें यह नहीं पता की थाइराइड वाले मरीजों में क्या कोरोना इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा है या कोरोना होने के बाद थाइराइड का खतरा बढ़ रहा है। इसके हल खोजने के लिए हमने अब तक प्रकाशित शोध पत्रों का अध्धयन किया और कुछ महत्वपूर्ण जानकारी हासिल किया जिसका शार हम यहां प्रस्तुत कर रहे है।

ज्यादातर हाइपो थाइराइड बीमारी से पीड़ित मरीजों में थाइराइड की दवा सुबह खली पेट नियमित रूप से चलती है, जिसे इस महामारी काल में भी नियमित समय से लेते रहे और अनावश्यक रूप से हॉस्पिटल जाना उचित नहीं है और अनाव्यस्यक रूप से थाइराइड की जाँच भी न कराये। आमतौर पर थाइराइड की जाँच की छः महीने में या एक साल में एक बार जरुरत पड़ती है अतः अनावश्यक रूप से थाइराइड की जाँच न कराये, या जब तक आपके चिकित्सक थाइराइड जाँच करने की सलाह न दे। यदि कोई महिला इस महामारी के दौरान गर्भ धारण करती है तो वो अपनी थाइरोइड की दवा के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क अवस्य करें तहत डॉक्टर जैसी सलाह दे उनेह उसी प्रकार दवा की मात्रा बढ़ानी चाहिए।

अगर किसी को थाइराइड में गांठ बानी है और उसमे कैंसर नहीं है तो घबराये नहीं , ऐसी गांठो में कैंसर बनाने की संभावना बहुत कम होती है इसलिए अनावश्यक रूप से अस्पताल न जाये और जब तक उस थाइराइड गांठ की वजह से कोई परेशानी न हो, जैसे साँस लेने में तकलीफ , खाना खाने में तकलीफ इत्यादि , तो अभी आपरेशन न कराये।

ज्यादातर थाइराइड कैंसर बहुत ही धीरे.धीरे बढ़ाते है और अगर उसका ओप्रशन को कुछ समय के लिए टाल दिया जाये तो भी जान जाने का खतरा नहीं रहता है अतः अगर आपके चिकित्सक आपको कहते है की अभी ऑपरेशन टाला जा सकता है तो नाहक ही परेशान न हो और महामारी तक उसको टाल दे तो अच्छा रहेगा। जिन लोगों का ऑपरेशन हो चुका है और उनकी दवा चल रहि है तो उसी दवा को लेते रहे तथा अपने डाक्टर से फ़ोन पैर संपर्क में रहे यदि वो कहे की जाँच की आवस्यकता है तभी ओ कोई जाँच कराये , अनावश्यक रूप से अस्पताल के चक्कर न लगाए।

जिन लोगों को थयरॉइडिटिस की समस्या है, ग्रेव’स डिजीज है या ह्यपरथीरोइड डिजीज (थाइरोइड हॉर्मोन ज्यादा है ) और वो लोग कार्बीमाज़ोले दवा ले रहे यही तो इस दवा का साइड इफेक्ट में भी बुखार, ठण्ड लगाना , गले में खराश और शरीर में दर्द हो सकता है इसलिए इस समय ज्यादा सावधान रहने की जरुरत है साथ ही इस दवा के प्रभाव से ऐसे लोगो में वाइट ब्लड सेल्स (रोगों से लड़ने वाली रक्त कोशिकाएं ) कम होने की संभावना रहती है अतः ऐसे में इन लोगों को किसी भी इन्फेक्शन का खतरा थोड़ा ज्यादा हो जाता है अतः अगर किसी को गले में खरास होती है या कोरोना का कोई और लक्छण दिखता है तो वह तुरंत डॉक्टर की सलाह ले और अगर वो सलाह देते है तो कोरोना की जाँच करा लें।

अगर किसी को कोरोना हो चुका है और वह ह्य्पोथयरॉइड है तथा थाइराइड की दवा सुबह खली पेट खाता है तो ऐसे में उसकी जब अस्पताल से छुट्टी हो तो फ़ोन से अपने थाइराइड के डॉक्टर से ज़रूर बात कर ले , कुछ शोध में यह पाया गया है की कोरोना से ठीक होने के पश्चात उनको थाइराइड हॉर्मोन की जरुरत बाढ़ जाती है अतः वह अपने डॉक्टर से बात करके अपनी जाँच करा ले और जरूररत हो तो अपनी थाइराइड की दवा को भी बढा सकते है।

इन प्रकाशित शोध पत्रों के अध्ययन से हम इस निष्कर्ष पर निकले की आज के समय में थाइराइड से ग्रसित मरीजों में कोरोना इन्फेक्शन का खतरा सामान्य लोगों से ज्यादा नहीं है। अतः थाइराइड रोग से ग्रसित लोगों के लिए या महामारी एक इमरजेंसी नहीं है लेकिन इससे बचाव के लिए पूरी सावधानी बरते , क्योंकि यह कोरोना किसी को भी हो सकता है अतः अनावस्यक रूप से घर से बहार न निकले, मास्क का प्रयोग अवस्य करें, किसी से बात करते समय उचित दूरी बनाये रखे एवं समय समय पर हाथ धोते रहे या हैंड सांइटिज़ेर का उपयोग करें, अनावश्यक रूप से आंख या मुँह को हाथ न लगाए।

सतर्क रहे और स्वस्थ्य रहे।

Dr. Gyan Chand
Professor,
Endocrine & Breast Surgery,
SGPGIMS, Lucknow, INDIA, 226014