कार का फ्यूल टैंक फुल करवाना पड़ सकता है भारी, होते हैं ये नुकसान

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(www.arya-tv.com) अक्सर हम अपनी गाड़ियों के फ्यूल टैंक को फुल करवा लेते हैं। लेकिन क्या ऐसा करना सही है? क्या इससे अधिक माइलेज मिलती है? या फिर ऐसा करना खतरनाक है? आइए आपको कार फ्यूल टैंक फुल करवाने के फायदे और नुकसान के बारे में बताते हैं।

कार का फ्यूल टैंक फुल नहीं करवाना चाहिए, इससे कई खतरे होते हैं। एक नामी कार निर्माता कंपनी में सर्विस मैनेजर ने बताया कि टैंक में फ्यूल केवल उसके मुहाने (लिड) तक ही भरवाएं। पेट्रोल और डीजल में से कई तरह की गैस निकलती हैं। ऐसे में अगर टैंक फुल होगा तो उसमें से निकलने वाली गैस को जगह नहीं मिलेगी।

कार में क्षमता से अधिक कैसे आता है पेट्रोल?

फुल टैंक होने पर पेट्रोल लीक होने और आग लगने का खतरा बना रहता है। कई बार लोग कार की क्षमता से अधिक पेट्रोल या डीजल टैंक में आने की शिकायत करते हैं। इस बात को लेकर पेट्रोल पंप पर झगड़े भी होते हैं। लेकिन यहां बता दें कि कार के फ्यूल टैंक की कंपनी द्वारा बताई गई क्षमता से पांच से दस लीटर तक अधिक कैपेसिटी होती है।

फुल टैंक करवाने पर गर्मियों में खतरा अधिक

समय समय पर प्रशासन भी Fuel Tank Filling Tips जारी करती है। सरकार के मुताबिक खासकर गर्मियों के मौसम में कार का फ्यूल टैंक फुल न करवाएं। सड़क पर धूप होने के चलते कार की टंकी गर्म होती है इससे तेल में मौजूद तरल पदार्थ स्प्रेड होते हैं और उसे जगह चाहिए होती है। इस सूरत में अगर आप टंकी ऊपर तक भरवा लेते हैं तो वह नुकसानदायक हो सकता है। एक्सपर्ट कहते हैं कि टैंक का 10 फीसदी हिस्सा खाली रखना चाहिए।

केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने जारी किया था नोटिफिकेशन

हाल ही में कार में फ्यूल भरवाने को लेकर केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था। जिसमें वाहन चालकों से अपील की गई थी कि वे अपने वाहन के टैंक को लिड तक फुल न करवाएं। जारी सर्कुलर में चेतावनी देते हुए कहा गया था कि ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। मंत्रालय ने इसके लिए वाहन कंपनियों और तेल कंपनियों को भी लोगों को जागरूक करने की अपील की थी।

क्या फ्यूल टैंक फुल करने से माइलेज बढ़ती है?

कई लोग सोचते हैं कि फ्यूल टैंक फुल करने से कार की माइलेज बढ़ती है? लेकिन ऐसा नहीं है, बल्कि फुल टैंक होने से कार में अधिक वजन होता है और इससे कार के इंजन पर दबाव बढ़ता है, जिससे ईंधन की खपत बढ़ती है। चलते हुए कार के इंजन पार्ट्स पर दबाव पड़ता है।