कैब चालकों की हत्या करने के पीछे गैंग का बड़ा मगसद, पुलिस को मोबाइल से मिला अहम सुराग

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कैब चालकों को अगवा कर उनकी हत्या करने वाला गिरोह पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर नेपाल तक सक्रिय था। यह गिरोह चालकों की हत्या के बाद कार लूटकर नेपाल, दिल्ली व बिहार में बेच देता था। रविवार रात मुठभेड़ में मारे गए आरोपी गुरुसेवक के मोबाइल से पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं, जिनके आधार पर अन्य सदस्यों की तलाश में दबिश दी जा रही है।

मुठभेड़ में मारे गए गुरुसेवक का तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। शव मोर्चरी में रखा गया है। पुलिस उसके शाहजहांपुर स्थित पैतृक गांव पटाई पुवायां में रहने वाले परिजनों से संपर्क में है। लखनऊ आने के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा।

डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि गिरोह का हर सदस्य अलग काम संभालता था। कैब चालकों को निशाना बनाने के बाद उनकी हत्या कर कारें लूटी जाती थीं। इसके बाद कारों को नेपाल, दिल्ली और बिहार की सीमावर्ती इलाकों में तीन से चार लाख रुपये में बेचा जाता था। पकड़े गए बदमाशों और मारे गए गुरुसेवक के मोबाइल से मिली जानकारियों के आधार पर पुलिस गिरोह के नेटवर्क की जांच कर रही है।

सिक्योरिटी गार्ड से बना लुटेरा

डीसीपी ने बताया कि गुरुसेवक शाहजहांपुर में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था। पहले वह चोरी की वारदातों में शामिल था। अजय नाम के व्यक्ति से मिलने के बाद उसने गिरोह बनाया और लूट की वारदातें शुरू कीं। बाद में चालकों की हत्या कर कार लूटने लगा। गुरुसेवक के खिलाफ हत्या और लूट के करीब आठ मामले दर्ज हैं। अपराधों से तंग आकर उसके पिता ने उससे नाता तोड़ लिया था।

फरार आरोपी की तलाश

क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर शिवानंद मिश्रा ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान फरार हुए साथी की तलाश में दो टीमें हरदोई, लखनऊ और पड़ोसी जिलों में दबिश दे रही हैं। गिरोह के बाकी सदस्यों की भी पहचान की जा रही है।