रेसलर्स यौन शोषण केस में बृजभूषण को जमानत:बालिग पहलवानों के केस में दिल्ली कोर्ट में पेश हुए BJP सांसद

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(www.arya-tv.com) भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह और सेक्रेटरी विनोद तोमर को राउज एवेन्यू कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। दिल्ली पुलिस की ओर से लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव पेश हुए। कोर्ट ने पूछा- जमानत के लिए आपके क्या तर्क हैं? दिल्ली पुलिस ने कहा-हमने बृजभूषण को गिरफ्तार नहीं किया है।

जमानत देने में शर्त तो होनी ही चाहिए। इस पर कोर्ट ने बृजभूषण को 20 जुलाई तक अंतरिम जमानत दी। कोर्ट ने कहा कि वह 20 जुलाई को नियमित जमानत पर बहस सुनने के बाद निर्णय लेगा। कोर्ट ने बृजभूषण के अलावा दूसरे आरोपी विनोद तोमर को भी अंतरिम जमानत दे दी है। 25 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है।

गौरतलब है कि मंगलवार को 6 बालिग पहलवानों द्वारा दर्ज कराए गए यौन शोषण केस में सुनवाई हुई। इससे पहले कोर्ट ने 7 जुलाई को समन जारी करके दोनों को 18 जुलाई को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। इस पर बृजभूषण ने कहा था कि वह कोर्ट में जरूर पेश होंगे।

पेशी के लिए उन्हें कोई छूट नहीं चाहिए। इससे पहले केस की सुनवाई एक जुलाई को हुई थी। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले में दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लेने पर विचार के लिए 7 जुलाई की तारीख तय की थी।

15 जून को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश की थी चार्जशीट
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने 15 जून को राउज एवेन्यू कोर्ट में मामले में चार्जशीट पेश की थी। आरोपियों में बृजभूषण के अलावा WFI के असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर का नाम भी है। चार्जशीट में पहलवानों द्वारा मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान को अहम आधार माना गया है।

मामले में बृजभूषण के खिलाफ सबूत मिले
बृजभूषण के खिलाफ केस में करीब 7 गवाह मिले हैं। वहीं यौन शोषण की कथित जगह पर उनकी मौजूदगी के भी सबूत मिले हैं। चार्जशीट की पहली सुनवाई पर कोर्ट ने इसे MP-MLA कोर्ट में ट्रांसफर किया था। सोमवार को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को चार्जशीट की एक कॉपी शिकायतकर्ता पहलवानों को देने के आदेश दिए थे।

रास्ता रोकने या पीछा करने का केस 2012 का
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, बृजभूषण पर जो रास्ता रोकने या पीछा करने का केस है, वह 2012 का है। इसमें शिकायत करने वाली महिला पहलवान ने बताया था कि बृजभूषण ने एक टूर्नामेंट के दौरान उसकी मां से बात की और उसे अपने कमरे में बुलाकर कस कर गले भी लगाया था।

जब महिला पहलवान घर लौटी तो अलग-अलग बहाने से कई बार उसकी मां के नंबर पर फोन करना शुरू कर दिया। उसने यह भी दावा किया कि बृजभषण की कॉल से बचने के लिए उसे अपना फोन नंबर तक बदलना पड़ा। हालांकि, इन आरोपों को साबित करने के मामले में कोई टेक्निकल एविडेंस नहीं मिले हैं।

यौन शोषण की बताई जगहों पर आरोपी मौजूद थे
बालिग पहलवानों के केस में पुलिस ने 1500 पन्नों की चार्जशीट पेश की। इसमें पुलिस ने CRPC की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के आगे दिए पहलवानों के बयान को चार्जशीट का प्रमुख आधार माना है। पुलिस ने कहा कि बालिग पहलवानों ने जिस जगह पर उनके साथ यौन शोषण होने के आरोप लगाए हैं, वहां आरोपियों की मौजूदगी के सबूत मिले हैं।