- साल 2020 राहत इंदौरी की शायरी का 51वां साल रहा, लॉकडाउन के कारण वे सोशल मीडिया के जरिये लगभग हर दिन अपनी बात कहते थे
- शायरी के 50 बरस पूरे होने पर मार्च में राहत इंदौरी ने दैनिक भास्कर से चंद अहम बातें साझा की थीं, इन यादों को राहत अपनी ‘नेमत’ कहते थेवह 4 दिसंबर 2019 की तारीख थी... जब राहत इंदौरी साहब को बकलम शायर हुए 50 बरस हो गए थे। इस मौके पर उन्होंने कहा था- ‘मैं अक्सर सोचता हूं कि ऐसी दो लाइनें अब तक नहीं लिखीं, जो 100 साल बाद भी मुझे जिंदा रख सकें। जिस दिन यह ख़बर मिले कि राहत इंदौरी दुनिया से रुख़सत हो गए हैं, समझ जाना कि वो मुकम्मल दो लाइन मैंने लिख ली हैं। आप देखिएगा मेरी जेबें… मैं वादा करता हूं कि वो दो लाइनें आपको मिल जाएंगी…।
यह 11 अगस्त, 2020 की तारीख है.... महज आठ महीने बाद ही मनहूस दिन आ भी गया। मंगल की शाम अचानक खबर आई कि राहत साहब रुख़सत हो गए। जिस कोरोना से बचाव के लिए उन्होंने अपने सोशल मीडिया की तस्वीर को STAY HOME – SAVE LIVES लिखकर संदेश दिया था, उसी कोरोना ने उन्हें संभलने नहीं दिया। ख़िराजे अकीदत (श्रद्धांजलि) के साथ मायूस होकर चाहने वाले कह रहे कि आज हिंदी-उर्दू के बीच का एक और मजबूत पुल टूट गया।दिल में हिंदुस्तान और शायरी में इंसानियत लिए राहत
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इंदौरी आज रुखसत हो गए। आज सुबह ही उन्होंने खुद को कोरोना होने की खबर ट्विटर पर दी थी। 70 साल की उम्र में यह संक्रमण गंभीर मसला था। पर, राहत के किरदार से वाकिफ शायरों की बिरादरी को यकीन था कि इस बार कोरोना गलत आदमी से भिड़ गया है। लेकिन, होना कुछ और ही था। राहत को निमोनिया भी हो गया था और लगातार तीन हार्ट अटैक भी आए। इसके बाद शाम 5 बजे खबर आई कि रूह को राहत देने वाला ये शायर दुनिया से चला गया है।
