एक गलती से बर्बाद हो गया निम्मी का बॉलीवुड करियर

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(www.arya-tv.com) गुजरे जमाने की एक्ट्रेस निम्मी की आज बर्थ एनिवर्सरी है। 18 फरवरी को उनका जन्म आगरा में हुआ था। उनका असली नाम नवाब बानो था लेकिन फिल्मों में उन्हें निम्मी के नाम से पहचान मिली। यह नाम उन्हें राज कपूर ने दिया था। निम्मी की मां का नाम वहीदन था, जो अपने दौर की मशहूर गायिका और एक्ट्रेस थीं। वहीं उनके पिता अब्दुल हकीम मिलिट्री में ठेकेदार थे। तब निम्मी महज 11 साल की थीं, जब उनकी मां का निधन हुआ। इसके बाद उन्हें पालने की जिम्मेदारी उनकी नानी ने उठाई।

कभी स्कूल नहीं गईं निम्मी
रिपोर्ट्स की मानें तो निम्मी कभी स्कूल नहीं गईं। उन्होंने घर में रहकर ही उर्दू सीखी और फिल्मों में काम करते-करते उन्हें अंग्रेजी का ज्ञान हुआ। हालांकि, बातचीत वे हमेशा अपनी जुबान यानी उर्दू में ही करती थीं। काम के दौरान एक रोज उनकी मुलाकात लेखक अली रजा से हुई। रजा ने एक संवाद की रिहर्सल में निम्मी की मदद की और दोनों दोस्त बन गए। बाद में यह दोस्ती प्यार में बदली और दोनों ने शादी कर ली। रजा से मिलने के बाद ही निम्मी को शायरी का शौक भी जागा था। खबरों की मानें तो 2007 में रजा के निधन के बाद से वे जुहू स्थित एक अपार्टमेंट में अकेली ही रहती थीं।

ऐसे राज कपूर की निगाह में आईं
निम्मी को पहला ब्रेक राज कपूर ने अपनी फिल्म ‘बरसात’ से दिया था। हुआ यूं था कि महबूब खान निम्मी की मां के परिचित थे। दोनों ने फिल्मों में साथ काम किया था। इसी कनेक्शन के चलते उन्होंने निम्मी को अपनी फिल्म ‘अंदाज’ की शूटिंग देखने के लिए सेंट्रल स्टूडियो में बुलाया। राज कपूर इस फिल्म के हीरो थे और अपनी फिल्म ‘बरसात’ के लिए नए चेहरे की तलाश कर रहे थे। सेट पर जब निम्मी से उनकी मुलाकात हुई तो उन्होंने उन्हें ‘बरसात’ ऑफर कर दी। चूंकि निम्मी की रुचि भी फिल्मों में थी, इसलिए उन्होंने इस सुनहरे मौके को हाथ से नहीं जाने दिया। उन्हें फिल्म की सेकंड लीड एक्ट्रेस के तौर पर  प्रेमनाथ के अपोजिट कास्ट किया गया था।

ठुकरा दिया था हॉलीवुड का ऑफर
1952 में आई फिल्म ‘आन’ न केवल पहली फुल टेक्नीकलर फिल्म थी, बल्कि वर्ल्डवाइड रिलीज होने वाली पहली भारतीय फिल्म भी थी। लंदन में इस फिल्म के प्रीमियर के बाद उन्हें हॉलीवुड में काम करने का ऑफर आया था, लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया। इसका कारण मात्र इतना था कि उन्हें इंटिमेट सीन और चुंबन दृश्यों से काफी डर लगता था।

महबूब साहब को न बताइएगा कि निम्मी ने रुपए दिए हैं

महबूब खान की ‘मदर इंडिया’ भारत की ओर से ऑस्कर में भेजी गई पहली फिल्म थी। हालांकि, इस नेशनल अवॉर्ड विजेता फिल्म को जब ऑस्कर नहीं मिला तो महबूब खान इतने दुखी हुए थे कि उन्हें हार्ट अटैक आ गया था। इस फिल्म को बनाने में तकरीबन 40 लाख रुपए खर्च हुए थे और महबूब खान को पैसों की किल्लत से जूझना पड़ा था। जब अभिनेत्री निम्मी को इस बारे में पता चला तो वे पल्लू में नोटों का बंडल बांधकर महबूब के ऑफिस पहुंच गईं और मैनेजर को रुपए पकड़ाते हुए कहा कि पिक्चर जरूर बननी चाहिए, लेकिन प्लीज़! महबूब साहब को न बताइएगा कि निम्मी ने रुपए दिए हैं।

करियर पर भारी पड़ी एक गलती
एक गलती के चलते निम्मी का पूरा करियर बर्बाद हो गया। यह किस्सा 1963 की फिल्म ‘मेरे महबूब’ से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि इस फिल्म के लिए उन्होंने लीड रोल की बजाय सेकंड लीड रोल चुना था और उनका यही फैसला उनके करियर के लिए अभिशाप बन गया। दरअसल, ‘मेरे महबूब’ के डायरेक्टर हरमन सिंह रवैल ने निम्मी को फिल्म में लीड रोल ऑफर किया। लेकिन वे फिल्म में राजेंद्र कुमार की बहन का किरदार निभाने पर अड़ गईं, जो कि सेकंड लीड रोल था। डायरेक्टर के कई बार समझाने के बाद भी वे नहीं मानीं। इसके बाद फिल्म में उनकी जगह साधना को बतौर लीड एक्ट्रेस लिया गया और उन्हें उनकी पसंद के मुताबिक सेकंड लीड में रखा गया। फिल्म सुपरहिट हुई और साधना का करियर चल पड़ा। वहीं इस फिल्म के बाद निम्मी को लीड रोल मिलना कम हो गए और धीरे-धीरे उनका करियर खत्म हो गया।