(www.arya-tv.com) बीजेपी के सांसद और आगरा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राम शंकर कठेरिया को जिला अदालत से बड़ी राहत मिली है. 2016 में टोरंट कर्मचारियों से मारपीट के मामले में सजा के फैसले को कोर्ट ने रद्द कर दिया है. वहीं कोर्ट के फैसले के बाद कठेरिया समर्थकों में खुशी की लहर छा गई. लोगों ने मिठाई बांटकर खुशी मनाई. बता दें कि सांस ने एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा 2 साल की सजा और 50 हजार के जुर्माने की सजा के खिलाफ जिला अदालत में अपील की थी.
गौरतलब हो कि 16 नवंबर 2021 को राम शंकर कठेरिया तत्कालीन आगरा लोकसभा सांसद थे और जनता द्वारा आगरा की विद्युत आपूर्ति संभाल रही टोरेंट पावर कंपनी के खिलाफ अभियान चला रहे थे. इसी दौरान आगरा दिल्ली हाइवे स्थित साकेत मॉल में उनकी टोरेंट कर्मियों से नोकझोंक हुई थी.
जानें कोर्ट ने सुनाया था क्या फैसला
इस मामले में टोरेंट कर्मी सुमेधी लाल की शिकायत पर थाना हरीपर्वत में धारा 323 और 147 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. उक्त मामले में थाना पुलिस ने जांच के बाद राम शंकर कठेरिया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. लगातार सुनवाई के बाद एमपी, एमएलए कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया है और धाराओं में अधिकतम सजा दो साल और पचास हजार का जुर्माना लगाया है. अधिकतम सजा के बाद अब कठेरिया की संसद सदस्यता रद्द किए जाने की विपक्ष मांग कर रहा है. सजा सुनाए जाने के बाद राम शंकर कठेरिया ने कहा था कि मैं सामान्य रूप से कोर्ट के सामने पेश हुआ. कोर्ट ने मेरे खिलाफ फैसला दिया. मैं अदालत का सम्मान करता हूं, मुझे अपील करने का अधिकार है और मैं इसका प्रयोग करूंगा.
जानें कौन हैं राम शंकर कठेरिया?
बता दें कि राम शंकर कठेरिया बीजेपी के सांसद हैं. 2014 से 2016 तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री की जिम्मेदारी उन्होंने संभाली थी. उन्होंने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है. 2019 में कठेरिया पर आगरा में एक टोल प्लाजा कर्मचारियों पर हमले से जुड़े एक मामले में केस दर्ज किया गया था.