(www.arya-tv.com)समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार की कुनीतियों से कृषि क्षेत्र पर गम्भीर संकट के बादल छा गये हैं। अभी गत जून माह में आर्थिक सुधार के नाम पर भाजपा की केन्द्र सरकार जो तीन अध्यादेश लाई है उससे किसानों की दशा के दुर्दशा में बदलने में देर नहीं लगेगी। भाजपा किसान से उसके खेत को ही छीन कर कारपोरेट घरानों को देने की साजिश कर रही है। वह इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा पूंजीनिवेश का भी रास्ता खोल रही है, देश का किसान तब विदेशी कम्पनियों का बन्धक बन जाएगा।
अखिलेश यादव ने गुरुवार को जारी बयान में यह बात कही। भाजपा ने पहले किसानों की आय दुगनी करने का और फसल का दाम डयोढ़ा करने का जो वादा किया उसकी अब चर्चा भी नहीं होती है। उसकी जगह कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की वकालत की जाने लगी है। इसमें किसान का मालिकाना हक भी चला जाएगा। किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी) मिलना चाहिए पर सरकार इसे दिलाने में पूरी तरह विफल रही है।
भाजपा सरकार ने खेती को आवश्यक वस्तु अधिनियम से हटाकर और दूसरे राज्यों में भी फसल बेचने की सुविधा देकर कोई बड़ा उपकार किसानों पर नहीं किया है। जब अपने प्रदेश में ही वे उपेक्षित हैं, साधन विहीन हैं तो वे बाहर कहां बाजार की खोज करने जा सकेंगे? भाजपा सरकार की किसानों के प्रति बदनीयती इसी से जाहिर होती है कि स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया ने पिछले 8 वर्षों में 1.23 लाख करोड़ रूपए के कारपोरेट बुरे ऋण को बट्टे खाते में डाल दिया है। 50 बड़े कर्जदार भारी ऋण लेकर विदेश भाग गए। जबकि किसानों को छोटे-छोटे कर्ज के लिए भी वसूली की नोटिस, तहसील में गिरफ्तारी आदि से अपमानित किया जाता है।
