विधानसभा के भीतर होगा भाजपा और कांग्रेस का मुकाबला

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भोपाल।(www.arya-tv.com) विधानसभा उपचुनाव के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच एक बार फिर मुकाबला विधानसभा के भीतर होगा। नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा। भाजपा कांग्रेस को उपाध्यक्ष का पद देने के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं है।

विधायकों की मौजूदा संख्या के हिसाब से चुनाव होता है और बसपा, सपा व निर्दलीय विधायकों का साथ भी कांग्रेस को भी मिल जाता है तो भी उपाध्यक्ष का पद उसे नहीं मिल पाएगा। सत्र 28 से 30 दिसम्बर तक होना है। इसकी अधिसूचना जल्द ही विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी की जाएगी।

प्रदेश में आमतौर पर विधानसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने की परंपरा रही है, लेकिन कमल नाथ सरकार के समय ही यह परंपरा टूटी। सर्वसम्मति की जगह अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ और दोनों पद (नर्मदा प्रसाद प्रजापति अध्यक्ष, हिना कांवेर उपाध्यक्ष) को मिले थे। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन और उपचुनाव के बाद भाजपा के पास स्पष्ट बहुमत है। निर्दलीय, बसपा और सपा के विधायक सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे हैं।

भाजपा की मौजूदा रणनीति दोनों पद भाजपा के पास ही रहेंगे। 230 सदस्यीय विधानसभा में एक स्थान दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी ने इस्तीफा देने से रिक्त है। मतदान की सूरत में निर्णय 229 विधायकों के मतदान से होगा। उपचुनाव के बाद सदन में भाजपा के 126 सदस्य हैं।

जाहिर है मतदान हुआ तो दोनों पद भाजपा के हिस्से में ही आएंगे। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद दो बार विधानसभा का सत्र बुलाया जा चुका है। जून में कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए सर्वसम्मत से सत्र नहीं बुलाया और सितंबर में भी चंद घंटों के लिए सदन की बैठक हुई। इसकी वजह से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं हो पाया। वर्तमान में रामेश्वर शर्मा विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष हैं।