शहीद भगत सिंह की 112वीं जयंती, PM मोदी ने किया ट्वीट

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शहीद-ए-आजम भगत सिंह की शनिवार को 112वीं जयंती है। अमर शहीद भगत सिंह के बलिदान को भारत कभी नहीं भूल सकता है। बॉलीवुड में उनके जीवन पर कई फिल्में बनीं हैं।

साल 1928 में साइमन कमीशन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस नेता लाला लाजपत राय को पुलिस की लाठियों ने घायल कर दिया। इसके कुछ ही दिनों बाद उनका निधन हो गया। भगत सिंह ने इसका बदला लेने के लिए पुलिस सुपिरिटेंडेंट स्कॉट की हत्या करने की योजना बनाई। लेकिन एक गलती की वजह से स्कॉट की जगह पुलिस अधिकारी सांडर्स की हत्या हो गई।

इसी बीच उन्होंने असेंबली सभा में बम फेंक दिया। असेंबली सभा में बम फेंकने के मामले में पकड़े गए भगत सिंह को सांडर्स की हत्या के गंभीर मामले में अभियुक्त बनाकर फांसी दी गई।

महान क्रान्तिकारियों में से एक भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर 1907 को हुआ था। उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती कौर था। भगत सिंह जाट परिवार से थे। उनका परिवार पूर्णतः आर्य समाजी था। अमृतसर में 13 अप्रैल 1919 को हुए जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड ने भगत सिंह की सोच पर गहरा प्रभाव डाला था। जिसके बाद लाहौर के नेशनल कॉलेज़ की पढ़ाई छोड़कर वह भारत की आज़ादी के लिये अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ मैदान में कूद पड़े। उन्होंने नौजवान भारत सभा की स्थापना की थी।

लाहौर में साण्डर्स की हत्या और उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम-विस्फोट करके ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध खुला विद्रोह कर दिया। भगत सिंह ने असेम्बली में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया। 23 मार्च 1931 को इनके दो अन्य साथियों, राजगुरु तथा सुखदेव के साथ उनको फाँसी पर लटका दिया गया। सारे देश ने उनके बलिदान को बड़ी गम्भीरता से याद किया।

क्या कहा पीएम मोदी ने
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि शहीद भगतसिंह का नाम वीरता और बलिदान का पर्याय है। पूरा देश उनके साहसी कार्य को सलाम करता है। वह लाखों लोगों को प्रेरक हैं। वह युवाओं के दिमाग में सबसे लोकप्रिय आइकन में से एक हैं। मैं भारत माता के इस महान सपूत को उनकी जयंती पर नमन करता हूं।