बिजनौर।(www.arya-tv.com) गांव प्रेमपुरी में जरा सी सरसराहट भी लोगों को दहशत में डाल देती है। आसपास गांवों में दिन में सन्नाटा और रात में मौत की परछाई लंबी होने लगती है। नजीबाबाद के पांच वन रेंजों के कई गांवों में बच्चों ने खेलना छोड़ दिया है। सर्द रात में गांवों में गश्त कर रहे मौत के पंजे की चपेट में अब कौन..इसकी दहशत गांव वालों की जुबान में झलकती है। तेंदुए के पंजे में दर्जनों गांव फंसे हैं। इधर, वन विभाग इस खुंखार जानवर को नियंत्रित करने में पूरी तरह नाकाम रहा है।
बिजनौर प्रभाग के नजीबाबाद में पांच वन रेंज हैं, जिसमें साहनपुर रेंज के प्रेमपुरी और राजगढ़ रेंज के सरायवाला में तेंदुए के आतंक ने जिंदगी की रफ्तार को रोक दिया है। खेतों में होने वाली हर हलचल ग्रामीणों को डरा देती है। लोग खेतों में जाने से कतराने लगे हैं। गन्ने की फसल भी नहीं कट पा रही है। 15 दिसंबर को गांव प्रेमपुरी में घर के बाहर खेल रहे दो बच्चों पर तेंदुए ने हमला बोला। गीताराम के पांच वर्षीय पुत्र चेतन को तेंदुआ उठा ले गया, जिसका दूसरे दिन क्षत विक्षत शव मिलने से मीलों तक सनसनी फैल गई। हरवेंद्र की चार वर्षीय पुत्री नीशू घायल हो गई। तेंदुए का आतंक इतना बढ़ा कि गांव सरायआलम में खेत पर गन्ना काट रहे मजदूर चमन पुत्र चंदू को खूनी पंजों ने दबोचकर मार दिया। हरचंदपुर में किशोरी को घायल करने के अलावा कई पशुओं को भी निवाला बना चुकी है।
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक लखनऊ मुकेश कुमार का कहना है कि गुलदार बार-बार मनुष्य पर हमला करने लगता है तो ये रिपोर्ट चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को भेजी जाती है। आंकलन के बाद चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन गुलदार को आदमखोर घोषित करते हैं।