एक ओर जहां रोडवेज की बसों में सफर करने के लिए लोगों को धक्के खाने पड़ते है, वहीं यूपी के बाराबंकी तस्वीर इसके विपरीत नजर आ रही है.बाराबंकी के बस स्टेशन पर पिछले 6 महीनों से यूपी परिवहन निगम की 8 नई इलेक्ट्रिक डबल डेकर बसें खुले मैदान में धूल, मिट्टी, धूप और बरसात में हो रही हैं. ये बसे इतनी ऊंची हैं कि इन्हें शहर में निकालने के लिए विभाग को सौ बार सोचना पड़ रहा है.
बाराबंकी के उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम बस स्टेशन पर विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से खरीदी गई ये बसे तो बाराबंकी डिपो पर तो खड़ी कर दी गयी है लेकिन इनके संचालन प्लान अभी तक तैयार नहीं हो पाया है. इन बसों को चार्ज करने के लिए जिले में न तो चार्जिंग पॉइंट बनाये गए है और न ही इन ऊंची बसों को निकलने के लिए रास्ता बनाया गया है. बाराबंकी डिपो की ARM जमीला खातून भी लिखापढ़ी कर करके परेशान हो गयी है.
बसों के संचालन के लिए नहीं है कोई व्यवस्था
उन्होंने बताया कि इन बसों को चलाने के लिए कोई व्यवस्था नही है, उच्च अधिकारियों को लिखापढ़ी की गई है. एआरएम बाराबंकी जमीला खातून ने बताया की इस बसों के बारे में उच्च स्तर से जब ये गाड़ी आई 6 महीने हो गए है. चार्जिंग पॉइंट नही बना और गाड़ी आ गयी.
बिना चार्जिंग पॉइंट के संचालन असंभव
एआरएम ने यह भी कहा कि, इलेक्ट्रिक बसों का चार्जिंग पॉइंट नहीं बना हुआ था, गाड़ी पहले ही आकर खड़ी हो गई. उन्होंने स्पष्ट किया है जबतक चार्जिंग पॉइंट नही बनाया जाता है, तब तक इन बसों का संचालन संभव नहीं है. बिना चार्जिंग पॉइंट के ये बसें यहां नहीं आनी चाहिये थी.