बाराबंकी की ऐतिहासिक रामलीला में नहीं दिखेंगे इस बार गजराज! जानें कारण

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(www.arya-tv.com)  उत्तर प्रदेश के बाराबंकी शहर में प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी भव्य रामलीला का आयोजन किया जा रहा है. यह ऐतिहासिक रामलीला सैकड़ों सालों से स्थानीय कलाकारों के द्वारा कि जाती है. बाराबंकी की रामलीला में हाथी जिसे गजराज के नाम से जाना जाता है जो आकर्षण का केंद्र रहता है. लेकिन इस बार गजराज का निधन होने से समिति ने किसी दूसरे हाथी को मेले में सम्मिलित करने से मना कर दिया है. मेला कमेटी ने लोगों की सुरक्षा के लिए ये निर्णय लिया है जिससे लोगों में मायूसी है.

आपको बता दें कि बाराबंकी शहर के दशहरा बाग में स्थित रामलीला मैदान में हर साल भव्य रामलीला का आयोजन किया जाता है. जिसमें भगवान श्री राम और रावण के अभिनय का मंचन स्थानीय कलाकारों के द्वारा किया जाता है. इस रंगमंच के मंचन को देखने के लिए आसपास के कई जनपदों से लोग बाराबंकी पहुंचते हैं. शहर में भगवान श्री राम की भव्य बारात निकाली जाती है. जिसमें हाथी, घोड़े और पालकी सहित तमाम लोग इस बारात में सम्मिलित होते हैं. बाराबंकी की रामलीला अपने आप में बहुत ही भव्य और ऐतिहासिक है.

लोगों में नजर आ रही मायूसी
इस बार रामलीला में नए धनुष बाढ़ का प्रयोग किये जायेंगे. इन तीरों में मोर के पंख लगाए जाते हैं. जिससे यह देखने में और ही आकर्षक लगते हैं. वहीं इस बार जो स्थानीय लोगों की माने तो इस रामलीला में गजराज के न होने से थोड़ी मायूसी तो जरूर रहेगी लेकिन रामलीला कमेटी ने बताया है कि लोगों को मायूसी नहीं महसूस करने दी जाएगी. रामलीला को और अत्यधिक आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए तमाम तरह की व्यवस्थाएं रामलीला कमेटी के द्वारा की जा रही है.

पारंपरिक अंदाज में होगा आयोजन
रामलीला कमेटी के सदस्य नितेश मिश्रा ने बताया कि जिले में यह ऐतिहासिक रामलीला सैकड़ो सालों से होती आ रही है. हमेशा इसमें हाथी, घोड़े, ऊंट आकर्षण का केंद्र होते थे. इस बार हाथी लोगो को देखने को नहीं मिलेगा. उसकी जगह पर एक यान तैयार की जा रहा है. यान की ऊंचाई लगभग हाथी के बराबर ही रहेगी. इसे समिति के सदस्यों के द्वारा सजाया जाएगा, जिससे यह और भव्य लगेगा.