(www.arya-tv.com) ताज नगरी आगरा के थाना ताजगंज रामरघु एग्जॉटिका कॉलोनी में हुए बैंक प्रबंधक सचिन उपाध्याय हत्याकांड में नामजद पत्नी और ससुर अभी भी फरार हैं. पुलिस की छानबीन में हैरान कर देने वाली बातें सामने आ रही हैं. कमरे में पति की लाश थी, लेकिन पत्नी ने कामवाली (बाई) से कढ़ी, चावल और 16 रोटियां बनवाई थीं, ताकि किसी को शक न हो.
इतना ही नहीं 12 अक्तूबर को पड़ोसी से मोबाइल मांगकर अपने पिता कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बिजेंद्र रावत से दो बार बात की थी. विजेंद्र रावत भी इस मुकदमे में नामजद हैं. उन दोनों के बीच क्या बातचीत हुई थी, यह तो प्रियंका की गिरफ्तारी के बाद साफ होगा. आपको बता दें कि सचिन उपाध्याय की 11 अक्तूबर की रात को गला दबाकर हत्या हुई थी. 12 अक्तूबर की शाम पुलिस को खुदकुशी की सूचना उसकी पत्नी ने दी थी.
पुलिस का मानना है कि करीब 17 घंटे तक लाश को कमरे में छिपाकर रखी गई. साक्ष्यों को नष्ट किया गया. पुलिस ने कॉलोनी में छानबीन की तो पता चला कि मुन्नी और रजनी नाम की दो कामवाली सचिन के घर काम करती थीं. एक झाड़ू पोछा करती थी तो दूसरी खाना बनाती थी. आम दिनों से उससे सात-आठ रोटियां एक टाइम में बनवाई जाती थीं. 12 अक्टूबर को दोनों कामवाली घर पहुंचीं. प्रियंका ने कामवाली से कढ़ी-चावल और 16 रोटी बनाने को कहा. रोटियां ज्यादा बनवाई गई थीं.
पुलिस आशंका जता रही है कि यह सोचकर खाना ज्यादा बनवाया गया था कि पति की मौत की सूचना पर ससुरालीजन आ जाएंगे तो चूल्हा नहीं जलेगा. इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया था. सचिन के ससुर ब्रजेंद्र रावत, पत्नी प्रियंका और साला कृष्ण रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें से पुलिस साला कृष्णा को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.
इस केस की आरोपी पत्नी हॉस्पिटल से फरार हो गई. पुलिस अब ससुर ब्रजेंद्र रावत और पत्नी प्रियंका की तलाश के लिए जुटी हुई है. इस मामले में डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि प्रियंका ने अपने पिता के साथ मिलकर पहले से ही सचिन और उसके परिवार के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करवाया था. संभव है कि हत्या के समय पर उसका साला आचनक से प्रियंका के घर पहुंच गया था, जिसके बाद पत्नी और साले ने मिलकर सचिन की हत्या की होगी. हत्या क्यों की गई, यह पत्नी और ससुर की गिरफ्तारी के बाद ही पता चल सकेगा.