- योगी जी! क्या मातृत्व अवकाश के लिए भी देना होगा घूस?
- 15 दिनों से बीएसए की टेबल पर रखी है फाइल
- क्या सीएम योगी के आदेशों को भी नहीं मानेंगे बीएसए सीतापुर
- क्या डीएम सीतापुर को इस पर एक्शन नहीं लेना चाहिए
- शासनादेश का पालन कराने की जिम्मेदारी डीएम की भी है
लखनऊ(Shivam Kumar)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शिक्षामित्रों के प्रति कितना संजीदा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शिक्षामित्रों की सैलरी 3500 से बढ़ाकर 10 हजार कर दी गई है। पिछले महीने महिला शिक्षामित्रों को 6 माह का वेतन सहित अवकाश का शासनादेश भी जारी कर दिया गया।
सरकार की मंशा शिक्षामित्रों के प्रति साफ है बावजूद इसके अधिकारी अपनी कार्यशैली से बाज नहीं आ रहे। सीतापुर में तैनात बेसिक शिक्षा अधिकारी सीतापुर योगी की मंशा के विपरीत उनके आदेशों को ठेंगा दिखा रहे हैं। उनका मानना है कि शिक्षा विभाग में वहीं जिले के राजा हैंं। वह अपने हिसाब से मनमाना कार्य करेंगे।
यहीं कारण है कि अब तक महिला शिक्षामित्र को मातृत्व अवकाश नहीं मिल सका है। जिस कारण महिला शिक्षामित्र की सैलरी तक नहीं आ रही है, जिससे घर चलाना तक मुश्किल हो गया है।
शिक्षामित्रों को मातृत्व अवकाश में देरी क्यों? सरकार की मंशा के विपरीत क्यों चल रहे अधिकारी
क्या है पूरा मामला
दरअसल सीतापुर के लहरपुर में तैनात महिला शिक्षामित्र उपमा शुक्ला ने मातृत्व अवकाश हेतु लहरपुर बीआरसी पर आवेदन किया था। बीआरसी से आॅफिस से एसडीआई रंजीत कुमार ने पहले कहा कि अभी तक उनके पास कोई शासनादेश नहीं पहुंचा। जब यह बात बीएसए को मालूम चली तो साहब ने दूसरे दिन ही ह्वाट्सएस पर शासनादेश जारी कर दिया। बहरहाल एसडीआई के मुताबिक 15 दिन पहले ही उन्होंने छुट्टी की फाइल बीएसए कार्यलय में पहुंचा दी ळै। लेकिन वह फाइल धूल फांक रही है। अभी तक कार्यलय से छुट्टी हेतु मंजूरी नहीं मिल सकी है।
अपर मुख्य सचिव का शासनादेश बेकार?
आपको बता दें कि सरकार ने नए साल पर महिला शिक्षामित्रों को वेतन समेत मातृत्व अवकाश देने की बात कही है। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार ने इस बाबत शासनादेश भी जारी किया है कि (180 दिन) के मानदेय सहित मातृत्व अवकाश महिला शिक्षामित्रों को दिया जाए। महिला शिक्षामित्रों को मातृत्व (प्रसूति) अवकाश दिए जाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी।
“बीएसए आॅफिस सीतापुर से जुड़ी किसी भी भ्रष्टाचार संबंधी जानकारी दस्तावेजों के साथ आप हमसे 7007096037 पर साझा कर सकते हैं। आपकी पहचान गुप्त रखी जाएगी”
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डीएम सीतापुर को स्वत: लेना चाहिए संज्ञान
समस्त शासनादेशों को पालन करवाने की जिम्मेदारी जिलों में डीएम की होती है। इस मामले में डीएम सीतापुर को स्वत: संज्ञान लेते हुए बीएसए के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए।