(www.arya-tv.com)बीते कुछ माह पहले आजमगढ़ में एक व्यापारी को पुलिस ने थाने बंदकर एनकाउंटर करने की धमकी देते हुए उसके पैसे छीन लिए थे, इस मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपी पुलिस वालों पर एफआईआर दर्ज जांच करने के आदेश दिये हैं.
यह मामला 31 अगस्त 2024 का है, जब मनोज गुप्ता नाम के एक व्यापारी को अहरौला थाने के एक दरोगा और दो सिपाहियों समेत पांच लोग उठाकर थाने में ले आए. थाने में बंदकर उसका एनकाउंटर करने की धमकी देते हुए उसका कैश और सोना छीन लिया. इस घटना के बाद बिसौली थाना क्षेत्र के रहने वाले पीड़ित मनोज गुप्ता ने कोर्ट का रुख किया था.
क्या है पूरा मामला?
इस मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सत्यवीर सिंह ने अहरौला थाने के एक दरोगा और दो सिपाहियों समेत पांच लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया है. कोर्ट से आदेश मिलने के बाद आजमगढ़ पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
इससे पहले पीड़ित मनोज गुप्ता ने कोर्ट में दिए गए अपने प्रार्थना पत्र में बताया था कि 31 अगस्त 2024 की शाम लगभग पांच बजे कंधरापुर बाजार में एक दुकान पर चाय पी रहे थे. इसी दौरान एक निजी वाहन से एक दरोगा और नीरज गौड़ नाम के सिपाही के साथ एक बगैर नेम प्लेट वाला सिपाही मौके पर पहुंचा थे.
पुलिस ने दी एनकाउंटर की धमकी
पीड़ित के मुताबिक, पुलिस वालों के साथ प्रॉपर्टी डीलर अवधेश यादव और आकाश यादव भी थे. दारोगा, दोनों सिपाही और उनके साथ आए लोगों ने मनोज गुप्ता के साथ गाली गलौज करते हुए जबरदस्ती गाड़ी में बैठा लिया और ले जाकर अहरौला थाना में बंद कर दिया.
थाने के लॉकअप में ही मनोज गुप्ता को एनकाउंटर की धमकी देते हुए उससे साढ़े ग्यारह हजार रुपये और सोने की चैन छीन ली. जब मनोज गुप्ता के भाई मनीष गुप्ता ने 112 नंबर पर मनोज गुप्ता के अपहरण की सूचना दी, इसके बाद मनोज गुप्ता को रात में छोड़ गया.
कोर्ट ने दिए ये आदेश
इस घटना के तथ्य और परिस्थितियों के परिशीलन के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ को दरोगा और दो सिपाही समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया. कोर्ट ने किसी क्षेत्राधिकारी से पूरे मामले की विवेचना कराने का आदेश दिया है.
आजमगढ़ एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि न्यायालय का आदेश थाना कंधरापुर को प्राप्त हो गया. मामले में अग्रिम विधि कार्रवाई की जा रही है. तीन पुलिस कर्मियों सहित दो अन्य लोगों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किए जाने का आदेश प्राप्त हुआ है.