(www.arya-tv.com) महिलाओं में हार्मोन असंतुलन की परेशानी तेजी से पनप रही है, जिसकी वजह से उन्हें कई बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। बदलते लाइफस्टाइल, खान-पान और नींद की कमी से हॉर्मोन्स में उतार-चढ़ाव बना रहता है जिसकी वजह से महिलाओं को पॉली सिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर(PCOD) की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आकंड़ों के मुताबिक हमारे देश में हर 10 में से 1 महिला PCOD की शिकार है। PCOD ओवरी से जुड़ी बीमारी है जिसमें ओवरी में गांठें यानि सिस्ट बन जाती हैं।
अगर समय पर हार्मोन को बैलेंस नहीं किया गया तो कम उम्र में ही वजन बढ़ना, डायबिटीज, हार्ट अटैक, हाई कोलेस्ट्राल, हाई बीपी और डिप्रेशन की परेशानी के साथ साथ आगे चलकर प्रेग्नेसीं में भी दिक्कत आ सकती है। आप भी इस बीमारी से पीड़ित है तो ट्रेडिशनल मेडिसिन के बजाय आयुर्वेदिक तरीके से करें इसका उपचार।
दालचीनी:
पुदीना पीसीओएस में फायदेमंद:
मेथी पीसीओएस से दिलाएगी राहत:
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम में वजन तेजी से बढ़ता है इसलिए मेथी का सेवन करें। मेथी शरीर में ग्लूकोज के चयापचय को बढ़ावा देती है और इंसुलिन को बढ़ने से रोकती है। मेथी के बीजों को रात को पानी में भिगो दें तथा खाली पेट एक चम्मच भीगे हुए बीजों को शहद के साथ लें।
मुलेठी की जड़ टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करने में मदद करती है। एक चम्मच मुलेठी के चूर्ण को एक कप पानी में डालकर उबाल लें। इसका सेवन करने से PCOD की समस्या से निजात पाई जा सकती है।
तुलसी:
औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी ना सिर्फ इम्यूनिटी मजबूत करती है बल्कि कई बीमारियों का उपचार भी करती है। तुलसी में एंटी-एन्ड्रोजेनिक गुण पाए जाते हैं, जो शरीर से टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करने में मदद करते है। एक पैन में 8–10 तुलसी की पत्तियों को डालकर काढ़ा बना लें और उसका सेवन करें
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से बचने के उपाय:
- इस बीमारी से बचना चाहती है तो तैलीय, वसायुक्त, एवं मीठे भोजन का सेवन करने से परहेज करें।
- अपनी डाइट में फलों और सब्जियों और रेशेदार आहार को शामिल करें।
- जंकफूड एवं प्रिजरवेटिव युक्त खाना खाने से परहेज करें।
- लाइफ में तनाव को कम करें। तनाव कम करने के लिए योगा करें।
- नियमित रूप से प्राणायाम एवं योगासन का अभ्यास करें। भास्त्रिका, अनुलोम-विलोम एवं कपालभाती पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम को दूर करने के लिए बहुत फायदेमंद है।