(www.arya-tv.com) राम मंदिर आंदोलन में गोरखपुर स्थित गोरक्षनाथ मंदिर का अहम योगदान रहा है। इस कड़ी में मंगलवार को गोरक्षनाथ मंदिर ने राम मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए एक करोड़ एक लाख रुपए की राशि दी है। इसके अलावा गोरखपुर के उद्यमियों ने भी 5 करोड़ की रकम दान की है। मंगलवार की शाम सीएम योगी ने बैठक कर उद्यमियों से सहयोग के लिए अपील की थी। बैठक के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय खुद मंदिर पहुंचे थे।
चंपत राय ने कहा कि दिल्ली में कल जो कुछ भी हुआ, ये राष्ट्रीय अपराध है। किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर भारत के किसानों को बदनाम करने का प्रयास है। ये प्रशासन का काम है, पता लगाना कि वे कौन लोग थे? ये राष्ट्रीय अपराध देशभक्त नहीं कर सकते। पंजाब की धरती देशभक्तों की धरती है।
चंपत राय ने कहा कि पंजाब के केसधारी गुरुनानक देव, तेग बहादुर, अर्जुनदेव, गुरु गोविन्द सिंह की परम्परा के लोग हैं। गुरु गोविन्द सिंह के चारों बच्चे और पत्नी बलिदान हो गए। सर्वस्व बलिदानियों की परम्परा के लोग गलत काम नहीं करते हैं। लेकिन, किसी ने उनकी बुद्धि को भ्रमित किया है।
समूचे भारत वर्ष से मिल रहा सहयोग
चंपत राय ने कहा कि श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए पूरे भारत वर्ष से स्वेच्छा से खुले मन से समर्पण कर रहे हैं। हमने समाज का आह्वान किया था कि मकर संक्रांति से 27 फरवरी तक 42 दिन की अवधि में भगवान के कार्य के लिए अपनी श्रद्धाओं का समर्पण करें। देश बहुत उदारतापूर्वक इस अनुरोध में भागीदारी कर रहा है। ग्राम, शहर और वार्ड, मोहल्लों से देश की जनता इसमें योगदान कर रही है। एक अनुमान ये भी आ रहा है कि देश की आधी आबादी इसमें अपनी भागीदारी सम्मिलित करेगी।
चंपत राय ने मंदिर आंदोलन को याद किया
चंपत राय ने कहा कि महंत अवेद्यनाथ इस आंदोलन के मुखिया रहे हैं। उनके पहले महंत दिग्विजयनाथ भी 1949 में इस आंदोलन से जुड़े रहे। महंत अवेद्यनाथ के कार्यकाल में 1984 से लेकर उनके जीवन के अंतिम काल तक ये आंदोलन चरम पर पहुंचा। उनके प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करने का अवसर आज मिला।