आगरा।(www.arya-tv.com) केंद्रीय बजट में आयकर विवादों के निस्तारण के लिए विवाद से विश्वास तक योजना की घोषणा की गई। जानकारों का मानना है कि इससे साढ़े चार लाख से ज्यादा प्रत्यक्ष कर के लंबित मामलों को विराम मिलेगा। राजस्व बढ़ाने और राजकोषीय घाटा पूरा करने में ये अहम भूमिका निभाएगी।
सीए प्रार्थना जालान मानती हैं कि इस समय प्रत्यक्ष कर के लगभग चार लाख 83 मामले अपील के विभिन्न फोरम, कमिश्नर अपील, आयकर अपीलेट ट्रीब्यूनल के साथ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। विवाद से विश्वास योजना के तहत आयकरदाता 31 मार्च 2020 तक अपने लंबित देय का भुगतान कर सकते हैं। इसमें इन्हें ब्याज और पैनल्टी से पूर्ण मुक्ति मिलेगी।
योजना में प्रावधान है कि यदि आयकरदाता ने 31 मार्च तक की अवधि तक टैक्स भुगतान नहीं कर पाता, तो 30 जून तक एक और मौका मिलेगा। लेकिन उसे उसके साथ 10 फीसद ब्याज भी देनी होगी। ब्याज और पैनल्टी के विवाद में आयकरदाता को 31 मार्च तक विवादित रकम के 25 फीसद भुगतान करना होगा। जबकि इसके बाद ये राशि 30 फीसद हो जाएगी।
विवाद से विश्वास बिल 2020 में विवादित टैक्स, ब्याज और पैनल्टी के साथ विवादित फीस के मामले आएंगे, जो 31 जनवरी 2020 तक लंबित हैं। बिल के अनुसार, 31 जनवरी 2020 तक जो मामले कमिश्नर (अपील), इनकम टैक्स अपीलीय ट्रिब्यूनल, हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में लंबित थे, उन टैक्स के मामलों पर यह योजना लागू होगी। लंबित अपील टैक्स विवाद, पेनाल्टी या ब्याज से जुड़ी हो सकती है। एसेसमेंट या रीएसेसमेंट से भी इसका नाता हो सकता है।