अतीक-अशरफ मर्डर केस में 2000 पेज की चार्जशीट दाखिल:150 गवाह, 70 CCTV फुटेज

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(www.arya-tv.com) माफिया अतीक अहमद व उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की 15 अप्रैल 2023 को प्रयागराज के काल्विन अस्पताल में हत्या कर दी गई थी। इस सनसनी खेज हत्याकांड के मामले में विशेष जांच दल (SIT) ने गुरुवार को चार्जशीट दाखिल कर दी। 2 हजार पन्ने की चार्जशीट में शूटर सनी सिंह को इस हत्याकांड का मुख्य साजिश कर्ता बताया गया है।

सनी सिंह ने लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य को साथ मिलाकर इस वारदात को अंजाम दिया था। हालांकि 3 महीने चली जांच और पूछताछ में इस हत्याकांड के पीछे किसका हाथ था यह पता करने में SIT विफल रही है।

150 गवाहों की सूची, 70 CCTV फुटेज की सीडी कोर्ट को सौंपी गई
विशेष जांच दल ने अतीक और अशरफ हत्याकांड में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को 150 गवाहों की सूची और 70 CCTV फुटेज की सीडी सौंपी है। अस्पताल से लेकर जिस होटल में तीनों आरोपी ठहरे थे। वहां तक 70 सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया था। उसकी फुटेज भी कोर्ट को सुबूत के तौर पर सीडी में पेश की गई है। गवाहों में 21 पुलिसकर्मी, 15 मेडिकल स्टाफ, 8 मीडियाकर्मी व अन्य जन सामान्य लोग शामिल हैं।

तीनों शूटर्स के मददगार का खुलासा नहीं कर सकी SIT
एसआईटी में अपर पुलिस उपायुक्त सतीश चंद्र, सहायक पुलिस आयुक्त सत्येंद्र प्रसाद तिवारी और इंस्पेक्टर ओम प्रकाश सदस्य थे। करीब 90 दिन की जांच, पूछताछ और साक्ष्यों के सामने आने के बाद भी एसआईटी अतीक और अशरफ के मर्डर के पीछे कौन था? उस तक नहीं पहुंच सकी है। SIT सनी सिंह को ही इस हत्याकांड का मास्टर माइंड बताया है।

15 अप्रैल 2023 की रात 10:35 बजे सनी सिंह, अरुण मौर्य और लवलेश तिवारी ने माफिया अतीक अहमद और अशरफ की काल्विन अस्पताल में गोली मारकर हत्या कर दी थी। तीनों को पुलिस ने मौके से ही पकड़ लिया था। तीनों आरोपी मीडिया कर्मचारी बनकर आए थे। अतीक और अशरफ जैसे ही अंदर घुसे लवलेश तिवारी ने जिगाना पिस्टल से अतीक के सिर में करीब से पहली गोली मारी थी। इसके बाद अशरफ को पहली गोली सनी सिंह ने भी तुर्किये मेड जिगाना पिस्टल से मारी थी।

इसके बाद अरुण मौर्य के साथ मिलकर तीनों ने अतीक और अशरफ को तब तक गोलियां मारीं जब तक दोनों मर नहीं गए। अरुण मौर्य के पास सामान्य पिस्टल थी। शुरू से ही इस हत्याकांड के पीछे किसी बड़े के हाथ होने की बात कही जा रही थी। कहा जा रहा था कि इतनी कम्र उम्र के लड़के बिना किसी की शह और मदद के यह वारदात नहीं कर सकते थे।