लखनऊ। अटल बिहारी बाजपेई के बारे में कहा जाता है कि वह अपने दल के नेताओं के बीच ही तालमेल नहीं रखते थे, बल्कि विरोधियों को भी साथ लेकर चलते थे। यह उनकी खासियत थी। आपको बता दें शुक्रवार यानी आज अटल बिहारी बाजपेई की पहली पुण्यतिथि है। इस खबर में हम आपको बता रहें हैं जनसंघ के अध्यक्ष से लेकर बीजेपी तक के सफर के बीच अटल की यात्रा।
अटल की यात्रा
यूएन में हिंदी में दुनिया को संबोधित किया।
1996 में पहली बार प्रधानमंत्री बनें।
1968 से 73 तक जनसंघ के अध्यक्ष रहे।
ओजस्वी वक्ता और प्रसिद्ध हिंदी कवि रहे।
पोखरण में दूसरा परमाणु परिक्षण किया।
पूरे जीवन भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे।
विरोधियों को साथ लेकर चलने की कला।
दिल्ली से लाहौर के बीच बस सेवा शुरू की।
विरोधी भी अटल की वाकपटुता और तर्कों के कायल थे।
1955 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा।
1959 में बलरामपुर से पहला लोकसभा चुनाव जीता।