दुबई: क्रिकेट के मैदान पर एक अनोखा और विवादास्पद घटनाक्रम सामने आया है। एशिया कप 2025 के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को रोमांचक मुकाबले में पांच विकेट से हराकर खिताब अपने नाम किया। लेकिन मैच के बाद ट्रॉफी वितरण समारोह में अजीबो गरीब स्थिति उत्पन्न हो गई। भारतीय क्रिकेट टीम ने एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के अध्यक्ष और पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से साफ इनकार कर दिया। जवाब में, नकवी ने ट्रॉफी अपने साथ ले जाने का फैसला किया, जिससे क्रिकेट जगत में हंगामा मच गया।
दुबई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में रविवार को खेले गए फाइनल के बाद भारतीय खिलाड़ी मैदान पर उतरे। उनके साथ कप्तान सूर्यकुमार यादव की पत्नी देविशा, मुख्य कोच गौतम गंभीर की पत्नी नताशा और उनकी बेटियां भी मौजूद थीं। सभी जीत के जश्न में डूबे हुए थे। इस बीच, मैदान से कुछ दूरी पर नकवी अपने सहयोगियों के साथ खड़े थे। सूत्रों के अनुसार, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने पहले ही एसीसी को स्पष्ट कर दिया था कि भारतीय टीम नकवी से ट्रॉफी स्वीकार नहीं करेगी, क्योंकि नकवी अपने भारत-विरोधी बयानों और रवैये के लिए जाने जाते हैं।
हाल ही में नकवी ने एक वीडियो साझा किया था, जिसमें फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो के गोल सेलिब्रेशन को विमान दुर्घटना से जोड़ा गया था। यह वीडियो पाकिस्तान के उस दावे का समर्थन करता प्रतीत हुआ, जिसमें कहा गया था कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने भारत के छह जेट विमानों को मार गिराया था। इसके अलावा, नकवी ने भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव के खिलाफ आईसीसी लेवल चार के उल्लंघन का आरोप लगाने की मांग भी उठाई थी, क्योंकि सूर्यकुमार ने टूर्नामेंट के दौरान पहलगाम हमले के पीड़ितों और भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति एकजुटता दिखाई थी।
भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट में पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से परहेज किया था। फाइनल के बाद भी पाकिस्तानी खिलाड़ी एक घंटे तक ड्रेसिंग रूम से बाहर नहीं आए। जानकारी के मुताबिक, भारतीय टीम नकवी के अलावा किसी अन्य व्यक्ति, जैसे दुबई स्पोर्ट्स सिटी के खालिद अल जरूनी, से ट्रॉफी लेने को तैयार थी। लेकिन नकवी मंच छोड़ने को तैयार नहीं थे, और भारतीय टीम भी उनके रहते मंच पर नहीं गई। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “अगर नकवी ने जबरन ट्रॉफी देने की कोशिश की होती, तो हम आधिकारिक शिकायत दर्ज कराते।”
मैच के बाद प्रस्तोता साइमन डाउल ने व्यक्तिगत प्रायोजक पुरस्कारों की घोषणा की। पाकिस्तानी टीम ने बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष अमीनुल इस्लाम बुलबुल से अपने पुरस्कार लिए। इसके बाद डाउल ने घोषणा की कि भारतीय टीम आज पुरस्कार नहीं लेगी और समारोह समाप्त हो गया। इसके बाद नकवी मंच से उतरे और ट्रॉफी अपने साथ लेकर निकास द्वार की ओर बढ़ गए, जिससे सभी स्तब्ध रह गए। बुलबुल ने मीडिया से कहा कि भारत के ट्रॉफी लेने से इनकार के कारण समारोह बीच में रोकना पड़ा।
भारतीय टीम ने ट्रॉफी के बिना ही पोडियम के पास जश्न मनाया और तस्वीरें खिंचवाईं। बीसीसीआई अध्यक्ष देवाजीत सैकिया ने मुंबई में कहा, “हमने नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार किया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें ट्रॉफी और पदक अपने होटल ले जाने की अनुमति थी। यह बेहद अपरिपक्व और अस्वीकार्य कदम है। हम नवंबर में दुबई में होने वाली आईसीसी बैठक में इस मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाएंगे।”
पाकिस्तानी कप्तान सलमान अली आगा ने नकवी का बचाव करते हुए कहा, “वह एसीसी अध्यक्ष हैं और उन्हें ट्रॉफी देने का पूरा अधिकार है।” भारत-पाकिस्तान मैच क्रिकेट की दुनिया में हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहे हैं, लेकिन इस घटना ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। यह घटनाक्रम क्रिकेट आयोजकों के लिए एक सवाल खड़ा करता है कि क्या ऐसे मैचों को बढ़ावा देने की कीमत पर रिश्तों में और खटास डाली जानी चाहिए।