(www.arya-tv.com)वाराणसी के ज्ञानवापी में आज भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) की टीम के सर्वे का 23वां दिन है। त्रिस्तरीय सुरक्षा के बीच टीम परिसर में ऐतिहासिक संभावनाएं तलाशने उतरी है। जिला जज के आदेश और सुप्रीम कोर्ट-हाईकोर्ट की सहमति के बाद ASI के अधिकारी सर्वे कर रहे हैं। अब तक अब तक 22 दिन में 135 घंटे का सर्वे पूरा हो चुका है। सर्वे में हैदराबाद की टीम ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वे के लिए निर्धारित मानकों पर कार्रवाई कर रही है। अब जल्द ही कानपुर से GPR टीम आकर अपना काम करेगी।
शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा और पुख्ता इंतजाम के बीच ASI की 40 सदस्यीय टीम ज्ञानवापी पहुंची। मुख्य गेट पर सघन तलाशी के बाद टीम के सदस्यों को अंदर प्रवेश दिया गया। मुख्य गेट पर केंद्रीय सुरक्षा बल, पैरामिलिट्री और NSG और एटीएस समेत कमिश्नरेट पुलिस की टीमों की तैनाती है। 22 दिन के सर्वे में हैदराबाद की टेक्निकल टीम ने GPR सर्वे के लिए कई स्थानों का चिह्नांकन किया है।
कानपुर की टीम GPR के होमवर्क में मददगार बनी है। स्पेशल टीम जल्द GPR के सर्वे को पूरा करेगी। हिंदू पक्ष की याचिका पर कोर्ट ने संपूर्ण परिसर के सर्वे की रिपोर्ट 2 सितंबर तक तलब की है। टीम के साथ वादी, प्रतिवादी और वकील के साथ ASI की टीम पिछले 22 दिनों से जुटी है। अब तक ASI को सर्वे के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं जिसे हिंदू पक्ष अपने दावे की हकीकत बताता रहा है।
20 दिनों में 135 घंटे टीम ने बहाया पसीना
ज्ञानवापी में 22 दिन में 135 घंटे सर्वे करने वाली ASI टीम में 40 सदस्य शामिल रहे। अब तक 135 घंटे पसीना बहाने वाली ASI टीम के हाथ कई अहम साक्ष्य लगे हैं, जिनकी साइंटिफिक जांच जारी है। दीवारों और गुंबद में मिली कलाकृतियों और कारीगरी बड़े राज से पर्दा उठाएंगे।
एएसआई टीम 22वें दिन का सर्वे के लिए स्थानों का चिह्नांकन कर रही है। शनिवार सुबह 8.30 बजे टीम के अधिकारी और कर्मी गेस्ट हाउस से ज्ञानवापी पहुंचे। टीम ज्ञानवापी परिसर में पहुंचकर वजूस्थल को छोड़कर पूरे परिसर के सर्वे में ASI की टीम जुट गई। मस्जिद परिसर की पूरी पैमाइश के बाद केवल जीपीआर पर काम कर रही है। उसका फोकस उन अलग-अलग स्थानों पर बरकरार है, जहां से ऐतिहासिक साक्ष्य संकलित किए जा सके