आर्यकुल कालेज और मानव विकास ने हथकरघा पर ई—सिम्पोजियम का आयोजन किया

# ## National
  • आर्यकुल कॉलेज ऑफ एजुकेशन एवं मानव विकास एवं सेवा संस्थान द्वारा इंडियन हैण्डलूम ए ग्रेट टेडिशन इन क्राइसिस व्हाट कैन वी डन टू सेव सस्टेन एण्ड प्रमोट इट इन करेन्ट टाइम्स पर ई—सिम्पोजियम का आयोजन किया गया
  • ई—सिम्पोजियम का उद्देश्य भारतीय हथकरघा ​निर्मित पारंपरिक वस्त्रों और बुनकरों के विषय में युवाओं को जागरूक करना
  • मुख्य वक्ता के रूप में आर्यकुल के प्रबंध निदेशक सशक्त सिंह, संयोजिका डॉ.हितैषी सिंह एसोसिएट प्रो.गृह विज्ञान ए.न.डी. कालेज ,फैशन डिजाइनर सौरव दास,  ,राजस्थान स्किल एण्ड लाइवलीहुड डेवलपमेन्ट कॉर्पोरेशन डिप्टी मैनेजर की डॉ.मुक्ता अरोरा, सुश्री शीला पैविल रही

(www.arya-tv.com) राष्ट्रीय हैण्डलूम दिवस पर आर्यकुल कॉलेज ऑफ एजुकेशन एवं मानव विकास एवं सेवा संस्थान द्वारा इंडियन हैण्डलूम ए ग्रेट टेडिशन इन क्राइसिस व्हाट कैन वी डन टू सेव सस्टेन एण्ड प्रमोट इट इन करेन्ट टाइम्स पर ई—सिम्पोजियम के आयोजन किया गया। इस ई—सिम्पोजियम का उदृेश्य भारतीय हथकरघा ​निर्मित पारंपरिक वस्त्रों और बुनकरों के विषय में लोगों, खास तौर पर युवाओं को जागरूक करना रहा।

  • इसका उद्देश्य युवा वर्ग में हैण्डलूम और बुनकरों के प्रति संवेदना जागृत करना है

इस ई—सिम्पोजियम का आरम्भ कॉलेज के प्रबंध निदेशक सशक्त सिंह ने किया। उन्होंने इस ई—सिम्पोजियम के सफल आयोजन के लिए आशीर्वचन दिया और इसे छात्र—छात्राओं के लिए विशेष लाभकारी बताया। श्री सिंह ने कहा कि वास्तव ने देखा जाए तो आज के प्रतिस्पर्धा के दौर में हम अपनी पुरानी चीजों को धीरे—धीरे खो रहे हैं,इसी को ध्यान में रखकर ही इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिससे आगे आने वाली पीढ़ियां अपने मूल को भूल न जांए। इसके साथ ही कार्यक्रम की संयोजिका डॉ.हितैषी सिंह ने भारतीय पारम्परिक हैण्डलूम के इतिहास के साथ उसकी महत्ता पर प्रकाश डाला। डॉ.हितैषी सिंह ने कहा कि इसका उद्देश्य युवा वर्ग में हैण्डलूम और बुनकरों के प्रति संवेदना जागृत करना है।

  • युवाओं को इसे सुरक्षित और आगे बढ़ाने की अपील की

ई—सिम्पोजियम की प्रथम वक्ता सुश्री शीला पैविल ने प्रतिभागियों को हैण्डलूम के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी देते हुए इसके विलुप्त हो जाने की जानकारी दी और इस विषय पर बनायी गयी लघु डाक्यूमेंट्री को दिखा कर युवाओं को इसे सुरक्षित और आगे बढ़ाने की अपील की। सुश्री पैविल ने तमिलनाडु की विलुप्त होती टोडा कढ़ाई पुन:स्थापित करने का कार्य किया है।

  • भारतीय हैण्डलूम के सामाजिक, आ​र्थिक एवं पर्यावरणीय प्रभावों के बारे में जानकारी दी

द्वितीय वक्ता के रूप में नामचीन फैशन डिजाइनर एवं भारतीय पारंपरिक परिधान विशेषज्ञ सौरव दास ने प्रतिभागियों के साथ हैण्डलूम के वि​षय में बहुत सी जानकारी साझा की और भारतीय हैण्डलूम के सामाजिक, आ​र्थिक एवं पर्यावरणीय प्रभावों के बारे में जानकारी दी। श्री दास ने भारतीय हैण्डलूम को आगे बढ़ाने की अपील की।

  • युवाओं को इसके माध्यम से रोजगार के अवसरों की जानकारी दी

तृतीय वक्ता के रूप में डिप्टी मैनेजर राजस्थान स्किल एण्ड लाइवलीहुड डेवलपमेन्ट कॉर्पोरेशन राजस्थान सरकार डॉ.मुक्ता अरोरा ने राजस्थान में चन्देरी बुनाई के सादी सूती चन्देरी से ब्रांडेड वस्त्र बनने की यात्रा के संस्मरण साझा किये और प्रतिभागियों को इस विधा के तमाम पहलुओं से अवगत कराया। साथ ही युवाओं को इसके माध्यम से रोजगार के अवसरों की जानकारी दी।

  • ऑनलाइन द्वारा बिक्री को ही मुख्य प्लेटफॉर्म के रूप में उभारने व मजबूत करने पर जोर दिया

सभी वक्ताओं ने मार्केट नेटवर्क मजबूत करने और आगे ऑनलाइन द्वारा बिक्री को ही मुख्य प्लेटफॉर्म के रूप में उभारने व मजबूत करने पर जोर दिया। ऑनलाइन बिक्री एक ऐसा माध्यम है जिससे घर बैठे ही इंटरनेट के माध्यम से अपनी पसंद के वस्त्रों को आसानी से अपने लिए बुक करा सकते हैं। साथ ही आसानी से भारतीय हैण्डलूम को आगे बढ़ाने के लिए अपनी भूमिका को अदा कर सकते हैं।

कार्यक्रम का सफल संचालन सुश्री नेहा वर्मा ने किया। तकनी​की सहयोग शुचिता सिंह और अपरिमिता सिंह ने दिया। कार्यक्रम के सफल आयोजन पर आर्यंकुल के प्रबंध निदेशक श्री सशक्त सिंह ने बधाई दी।