(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की गोमती नगर पुलिस ने IPS अफसर अरविंद सेन यादव से पूछताछ के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत से उनकी कस्टडी मांगी है। पुलिस ने कहा है कि सेन का आवाज का नमूना भी लेना है इसलिए उन्हें तीन दिन के लिए पुलिस की कस्टडी में दे दिया जाए
विशेष जज संदीप गुप्ता ने पुलिस की इस अर्जी पर सुनवाई के लिए 30 जनवरी की तारीख नियत किया है। सेन ने पशुधन घोटाला मामले में बुधवार को सरेंडर किया था उसके बाद से वह जेल में हैं। दूसरी ओर पुलिस ने इस केस में सह अभियुक्त आशीष राय के भी आवाज का नमूना लेने की अर्जी दी है। जिस पर 1 फरवरी को सुनवाई होगी।
यह है पूरा मामला
13 जून, 2020 को इस मामले की FIR इंदौर के एक व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिन्कू ने थाना हजरतंगज में दर्ज कराई थी। इस मामले में मोंटी गुर्जर, आशीष राय व उमेश मिश्रा समेत 13 अभियुक्तों को नामजद किया गया था। विवेचना में IPS अधिकारी अरविंद सेन का नाम भी प्रकाश में आया। अभियुक्तों पर झूठे दस्तावेजों व फर्जी नाम से गेहूं, आटा, शक्कर व दाल आदि की सप्लाई का ठेका दिलवाने के नाम पर 9 करोड़ 72 लाख 12 हजार रुपए की ठगी का आरोप है।
9 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका
पशुपालन विभाग में 214 करोड़ का टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए हड़पने के मामले में एसटीएफ ने सिपाही के अलावा नौ आरोपितों को गिरफ्तार चुकी है। इसमें पशुधन, मत्स्य एवं दुग्ध विकास राज्यमंत्री जयप्रकाश निषाद का प्रधान निजी सचिव रजनीश दीक्षित, सचिवालय का संविदा कर्मी धीरज कुमार देव, कथित पत्रकार एके राजीव व खुद को पशुपालन विभाग का उपनिदेशक बताने वाला आशीष राय शामिल हैं।
पचास हजार रुपए के निजी मुचलके पर भाजपा विधायक हुए रिहा
वहीं, एक अन्य मामले में MP MLA कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने भाजपा विधायक शैलेंद्र सिंह शैलू को पचास हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया । वह गोमती नगर थाने से संबधित एक मुकदमें में गैरहाजिर चल रहे थे। जिस पर कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट जारी कर दिया था।
गुरुवार को वह कोर्ट में हाजिर हुए और वारंट को वापस लेने की अर्जी दी जिस पर कोर्ट ने उन्हें पचास हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया। मामला 2009 का है। गोरखपुर निवासी के डी अग्रवाल ने रिपोर्ट लिखवाकर कहा था कि शैलू ने उनकी जमीन का दूसरे से गलत अनुबंध करा लिया था। जांच के बाद शैलू के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुआ था।