(www.arya-tv.com) एपल वॉच द्वारा लोगों की जान बचाने के कई मामले सामने आ चुके हैं। हाल में एक मामला सामने आया कि जिसमें एपल वॉच की वजह से 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला की जान बच पाई जोकि वॉच की ईसीजी फंक्शनैलिटी की वजह से संभव हो पाया। वॉच ने हृदय संबंधित समस्या की पहचान की जो अस्पताल में हुई ईसीजी के दौरान भी पकड़ में नही आ सकी।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यूरोपीयन हार्ट जर्नल में बताया कि बुजुर्ग महिला ने जोहान्स गुटेनबर्ग विश्वविद्यालय (जर्मनी) के यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर मेंज में सामान्य एनजाइना लक्षणों (रक्त संचार कम होने से उठे सीने में दर्द) की जांच कराई। उन्होंने बताया कि उन्हें दो बार praesyncopy का सामना भी करना पड़ा। (praesyncopy, ऐसी स्थिति जिसमें दिमाग में ऑक्सीजन युक्त रक्त का संचार कम होने के कारण बेहोशी छाने लगती है)
डॉक्टर्स की ईसीजी रिपोर्ट में सब नॉर्मलग
महिला के सारी समस्या सुनने के बाद डॉक्टर्स ने शुरुआती तौर पर 12-चैनल ईसीजी की। टेस्ट के दौरान इस्किमिया (ischaemia) के कोई लक्षण सामने नहीं आया। (ischaemia, जिसमें रक्त वाहिकाओं में खून के थक्के जामने के कारण अंगों में सहीं तरह से रक्त नहीं पहुंच पाता है)
एपल वॉच की ईसीजी में मायोकार्डियल इस्किमिया की पुष्टि
बाद में महिला ने डॉक्टर्स को खुद के लिए हुए ईसीजी टेस्ट के रिजल्ट दिखाए, जो उन्होंने अपनी एपल वॉच से लिए थे। जिसमें महिला को एसटी सेगमेंट डिप्रेशन का खुलासा हुआ। इन टेस्ट में डॉक्टर्स को महिला में मायोकार्डियल इस्किमिया (Myocardial Ischemia) के लक्षण भी मिले, जिसके बाद उन्होंने उन्हें कैथेराइजेशन लैब में ट्रांसफर किया। इसके बाद उनकी कोरोनरी अर्ट्री स्टेंटिंग हुई जिसके बाद अगले दिन उन्हें घर भेज दिया गया। (Myocardial Ischemia, जिसमें रक्त वाहिकाओं में खून के थक्के जामने के कारण हृदय तक बेहतर तरीके से रक्त संचार नहीं हो पाता)