विकास दुबे केस : कानपुर एनकाउंटर पर एसआईटी ने दर्ज किए 10 लोगों के बयान

Lucknow

(www.arya-tv.com) कानपुर कांड की जांच कर रही एसआईटी के सामने सोमवार को 10 लोगों ने अपने बयान दर्ज कराए। इसमें कुछ लोगों ने विकास दुबे और उसके समर्थकों की दबंगई के मामले बताए तो कुछ ने पुलिस व प्रशासनिक अमले की उदासीनता के साक्ष्य सौंपे। सहयोग के लिए इतने लोगों के सामने आने से एसआईटी की जांच में तेजी आने की उम्मीद है। इसके बाद कुछ और बिन्दुओं पर जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी जा सकती है।

अपर मुख्य सचिव संजय आर. भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने सचिवालय के बापू भवन में चौथे तल पर स्थित कक्ष संख्या 401 को अपना कार्यालय बना दिया है। यह कक्ष पहले से एसआईटी के अध्यक्ष का कार्यालय है। अभी 24 जुलाई तक कोई भी दोपहर 12 बजे से दो बजे के बीच इस कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर साक्ष्य, कथन या अभिलेख उपलब्ध करा सकता है। बापू भवन में प्रवेश के लिए कार्यालय के टेलीफोन नंबर 0522-2214540 का उपयोग करने को कहा गया है।

सूत्रों के अनुसार बिकरू गांव में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के मामले के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे के सहयोगी श्यामू बाजपेयी की मां और बहनों ने भी एसआईटी के सामने अपना बयान दर्ज कराया। परिवार ने श्यामू बाजपेयी को निर्दोष बताया। श्यामू बाजपेयी को पुलिस ने एक मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था। इस मुठभेड़ में श्यामू के पैर में गोली लगी थी। पुलिस श्यामू को भी हत्याकांड में अभियुक्त मानती है।

इससे पहले एसआईटी ने कई बिन्दुओं पर कानपुर नगर के साथ-साथ कानपुर देहात जिले के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से जानकारी मांगी थी। दर्ज किए गए बयानों के आधार पर कुछ और बिन्दुओं पर भी जानकारी मांगी जा सकती है। अब तक की जांच में विकास दुबे गैंग से पुलिस की मिलीभगत भी सामने आई है। कानपुर नगर जिले के चौबेपुर थाने की भूमिका तो पहले से ही उजागर हो चुकी है। तत्कालीन थानाध्यक्ष विनय तिवारी और इलाके के सब इंस्पेक्टर केके शर्मा जेल में है। थाने की अन्य पुलिस कर्मियों को भी लाइन हाजिर किया जा चुका है। वे सभी जांच के दायरे में हैं।