(www.arya-tv.com) अंतरिक्ष में हुई एक घटना के बाद रूस और अमेरिका में नया तनाव पैदा हो गया। अमेरिका ने आरोप लगाया है कि रूस ने मिसाइल से अपने ही एक सैटेलाइट को तबाह कर दिया। इससे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के क्रू मेंबर्स को खतरा पैदा हो गया है।
अमेरिका ने कहा है कि सैटेलाइट फटने के बाद उसका मलबा स्पेस एरिया में फैल गया। इससे बचने के लिए ISS में मौजूद सात क्रू मेंबर्स को कैप्सूल में जाना पड़ा। इसकी वजह से उनके काम को नुकसान हुआ।
रूस का बर्ताव गैरजिम्मेदाराना
रूस की इस हरकत से अमेरिकी सरकार और नासा नाराज है। उन्होंने रूस के इस कदम को खतरनाक और गैर जिम्मेदाराना बताया है। नासा के मुताबिक, वो काफी समय से रूस की स्पेस एक्टिविटीज पर नजर रख रही है और उसने रूस के इस कदम को भांप लिया था। अब तक सिर्फ चार बार ऐसा हुआ है जब धरती से दागे किसी मिसाइल ने स्पेस में अपने टारगेट को हिट किया हो। नासा का कहना है कि रूस के इस कदम से अंतरिक्ष में हथियारों की नई रेस शुरू होने का खतरा पैदा हो गया है।
अमेरिका का कहना है कि रूस के इस कदम से न सिर्फ अंतरिक्ष में हथियारों की दौड़ शुरू होगी, बल्कि अंतरिक्ष में लेजर वेपन्स का खतरा भी बढ़ जाएगा। अमेरिकी सरकार ने रूस के इस कदम को बेहद गंभीरता से लिया है। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि एंटी सैटेलाइट मिसाइल का इस्तेमाल गैर जिम्मेदाराना हरकत है। हमने पाया कि सैटेलाइट के करीब 1500 टुकड़े ऑर्बिट में तैर रहे हैं और इससे ISS को खतरा पैदा हो गया है। अमेरिका इस बारे में अपने सहयोगी देशों से बातचीत कर रहा है।
ब्लास्ट के बाद कैप्सूल केबिन में लौटे ISS क्रू मेंबर्स
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन यानी ISS में इस वक्त कुल मिलाकर सात क्रू मेंबर्स हैं। ये बदलते रहते हैं। इनमें चार अमेरिकी, एक जर्मन और दो रूसी वैज्ञानिक हैं। घटना के वक्त ये स्टेशन के बाहर थे। ब्लास्ट के बाद सभी सदस्य अपने कैप्सूल केबिन में लौट आए। ये दो घंटे तक यहीं रहे।
नासा के मुताबिक, ISS हर 90 मिनट में रूसी सैटेलाइट के मलबे के पास से गुजरा। यह धरती से 250 मील ऊपर है। नासा चीफ ने कहा- रूस की यह हरकत हम सबको खतरे में डाल सकती है। मलबा रूस के कॉसमॉस सैटेलाइट का था। इसे 1982 में लॉन्च किया गया था। कई साल से यह एक्टिव नहीं था।