‘एक अकेला ही बुजदिलों की भीड़ के लिए काफी’, औवेसी ने फाड़ा वक्फ बिल, किसने कही ये बात?

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 एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार रात को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 का विरोध करते हुए इसके मसौदे की कॉपी फाड़ दी. सदन में विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए ओवैसी ने कहा कि  यह भारत के ईमान पर हमला है और मुसलमानों को अपमानित करने के लिए लाया गया है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक को लाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समूह के खिलाफ जंग छेड़ दी है.

असदुद्दीन ओवैसी के भाषण का वीडियो सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर शेयर करते हुए दिल्ली एआईएमआईएम के अध्यक्ष शोएब जमई ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने लिखा, “एक अकेला ही बुजदिलों की भीड़ के लिए काफी है. राष्ट्रीय अध्यक्ष बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी साहब ने विरोध दर्ज करने के लिए वक्फ बिल की कॉपी को संसद में भाषण के दौरान फाड़ डाला. याद कीजिए, उन्होंने CAA कानून के बिल को भी संसद में फाड़ दिया था.”

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को विपक्षी सांसदों के विरोध के बाद संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया था. पांच महीने में 38 बैठकों के बाद समिति ने अपने सुझाव दिए थे. समिति के सुझावों को शामिल करते हुए वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को बुधवार को लोकसभा में पेश किया गया था.

वक्फ बिल के विरोध में पर

लोकसभा ने अनेक विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को खारिज करते हुए  232 के मुकाबले 288 मतों से वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025  को पारित किया. सदन ने मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 को भी ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल बीजेपी के सहयोगी दलों जद(यू), तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जनसेना और जनता दल (सेक्यूलर) ने वक्फ (संशोधन) विधेयक का समर्थन किया.

झारखंड में बीजेपी की सहयोगी आजसू ने भी विधेयक का समर्थन किया. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक एवं अन्य विपक्षी दलों ने विधेयक को असंवैधानिक और मुसलमानों की जमीन हड़पने वाला बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया.