(www.arya-tv.com) महाकुंभ को भव्य बनाने के लिए राज्य सरकार अथक प्रसाय कर रही है और इसके लिए लगातार इनोवेटिव तरीके भी अपना रही है. इस बार के महाकुंभ में 40 करोड़ से ज्यादा लोगों के आने का अनुमान है. ऐसे में सरकार के सामने कुंभ में आने वाले लोगों को ठहराने की चुनौती होगी, जिसे देखते हुए यूपी सरकार ने घरों को होम स्टे में तब्दील कर दिया है. अभी तक 26 घरों को होम स्टे में बदला गया है. जबकि 36 घरों को होम स्टे में बदलने के लिए एप्लिकेशन आए हैं. टूरिज्म विभाग का कहना है कि होम स्टे के लिए लगातार आवेदन आ रहे हैं. होम स्टे में ठहरने वालो को घर जैसा खाना मिलेगा और साथ ही परिवार जैसा माहौल भी मिलेगा. टूरिज्म विभाग की रीजनल ऑफिसर अपराजिता सिंह ने कहा कि लोगों को ठहराने के लिए आवासीय और होटल्स की व्यवस्था है.
होम स्टे की डिटेल्स यूपी की टूरिज्म वेबसाइट पर मिलेगी
बाकी होम स्टे के लिए मिनिमम 2 और मैक्सिमम 5 कमरों का मकान होना चाहिए. साथ ही आगजनी की स्थिति में उससे निपटने की व्यवस्था और ठहरने वाले श्रद्धालुओं को खाने की व्यवस्था भी मकान मालिक को ही करनी होगी. महाकुंभ मेला और यूपी टूरिज्म की वेबसाइट पर होम स्टे की डिटेल्स होंगी और वहीं से कमरों की बुकिंग की जा सकेगी. महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालुओं को ठहराने का बड़े स्तर पर इंतजाम हो रहा है. टूरिज्म विभाग की रीजनल ऑफिसर अपराजिता सिंह ने सरकार के मेगा प्लान के बारे में बताया है.
प्रशासन के सामने श्रद्धालुओं को ठहराने की चुनौती
उन्होंने कहा, ‘महाकुंभ में आने वाले लोगों को रुकने की व्यवस्था करना सबसे बड़ा चैलेंज है. टेंट सिटी से लेकर, प्रयागराज के होटेल्स, गेस्ट हाउस, होम स्टे हर स्तर पर काम चल रहा है. छोटे बड़े होटलों की संख्या और उनमें कमरों की गिनती की जा रही है. होटल संचालक ज्यादा पैसा ना वसूलें उसके लिए उन्हें सरकार से निर्देश दिया गया है. कई हेरिटेज प्रॉपर्टीज में भी ठहराने की व्यवस्था पर काम चल रहा है. सरकार पूरे प्रयागराज में आंकड़े जुड़ा जुटा रही है कि एक साथ कितने लोग ठहर सकते हैं. इसके साथ ही महाकुंभ में आने वाले लोग जिन स्थानों पर ठहरें वहां आग से सेफ्टी और सुरक्षा को लेकर भी बड़े स्तर पर इंतजाम किया जा रहा है.