अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में एक बार फिर धार्मिक भेदभाव का मामला सामने आया है. जेएन मेडिकल कॉलेज में कार्यरत कर्मचारी नेता पंडित आशीष शर्मा ने असिस्टेंट फाइनेंस ऑफिसर समीर मुर्सिल खान पर तिलक लगाने को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां करने और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
आशीष शर्मा ने फाइनेंस ऑफिसर को तत्काल निलंबित करने की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वे विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे. पंडित आशीष शर्मा पिछले सात वर्षों से AMU में कार्यरत हैं. इनका आरोप है कि फाइनेंस ऑफिसर समीर मुर्सिल खान द्वारा तिलक लगाने पर लगातार कमेंट किए जा रहे हैं.
आशीष शर्मा ने बताया कि वे कहते हैं तुम तो नेता हो, काम कौन करेगा? तिलक लगाकर ऑफिस क्यों आते हो? यह मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाता है. उन्होंने दावा किया कि धार्मिक प्रतीकों को लेकर उन्हें निशाना बनाया जा रहा है, साथ ही वेतनवृद्धि और पदोन्नति में भी भेदभाव हो रहा है. शर्मा ने कहा कि उनके विभाग में बाहरी व्यापारियों से मिलने पर पाबंदी लगा दी गई, जबकि अन्य अधिकारियों के लिए ऐसी कोई रोक नहीं है.
हिंदू-मुस्लिम भाईचारे पर सवाल
आशीष शर्मा का कहना है कि वे लंबे समय से AMU में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे को बढ़ावा दे रहे थे, लेकिन अब खुद उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं. उन्होंने सांसद सतीश गौतम के पुराने बयानों का समर्थन करते हुए कहा कि सतीश गौतम सही थे, जो AMU में हिंदू-मुस्लिम भेदभाव की बात कहते थे.
उन्होंने कहा कि अब मैं खुद इसका सामना कर रहा हूं. यही नहीं शर्मा ने आरोप लगाया कि जब भी AMU पर विवाद होता है, प्रशासन उन्हें आगे करता है, लेकिन अब उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है.
फाइनेंस ऑफिसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग
कर्मचारी नेता आशीष शर्मा ने कहा कि उन्होंने इस मामले की शिकायत आला अधिकारियों से की, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब उन्होंने चेतावनी दी कि फाइनेंस ऑफिसर को बर्खास्त न करने तक वे विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे. शर्मा का दावा है कि AMU में हिंदू कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है, जो अस्वीकार्य है.
AMU वीसी का बयान
उधर इस मामले पर AMU की वीसी प्रोफेसर नईमा खातून ने कहा कि यूनिवर्सिटी में 2000 से अधिक कर्मचारी हैं, जो विभिन्न धर्मों और पृष्ठभूमियों से आते हैं.
उन्होंने कहा कि कभी-कभी मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इस तरह के आरोप सही नहीं हैं. हम इस मामले पर बातचीत कर समाधान निकालेंगे. वीसी ने जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन अभी तक फाइनेंस ऑफिसर पर कोई कार्रवाई की पुष्टि नहीं हुई है.