सर्दी और प्रदूषण की वजह से बीपी, दिल, खांसी, अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। अस्पतालों में ईसीजी, ईको की जांच कराने वाले संख्या 20 फीसदी तक बढ़ गई है। डॉक्टरों के मुताबिक तापमान में गिरावट और बढ़ते प्रदूषण से सी-सॉ इफेक्ट पैदा हो रहा है। ये अधिक उम्र के लोगों और दिल के मरीजों के लिए काफी चिंताजनक है।
बलरामपुर के चेस्ट विशेषज्ञ डॉ. एके गुप्ता ने बताया कि सर्दी बढ़ने के साथ खांसी, बलगम, खरखराहट के लक्षण वाले मरीज डेढ़ से दोगुने हो गए हैं। ओपीडी में अधिक भीड़ लग रही है। सांस के मरीजों में सर्द हवा वायुमार्गों को संकरा कर देती और बलगम को गाढ़ा कर देती है। जिससे खांसी, घरघराहट व सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण लोगों में बढ़ जाते हैं। बुजुर्गों को अधिक समस्या होती है।
सिविल अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक कुमार ने बताया कि सर्दी की वजह से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ता और हृदय पर दबाव पड़ता है, जिससे दिल के दौरे का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। हाई बीपी और छाती में दर्द के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। तापमान में गिरावट व प्रदूषण में बढ़ोतरी से वृद्धों, दिल के मरीजों और बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक स्थिति पैदा कर रही है। टूडी ईको, टीएमटी जांच कराने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है। सप्ताह में तीन दिन में करीब 25 से 30 लोगों का टूडी ईको करना पड़ रहा है। सर्दी से पहले यह संख्या काफी कम थी। सामान्य दिनों की अपेक्षा इस समय ओपीडी में बीपी, दिल के मरीजों की संख्या 15 से 20 फीसदी तक बढ़ गई है। बलरामपुर के डॉ. यूसुफ अंसारी ने बताया कि ओपीडी में ईसीजी के मरीजों की संख्या डेढ़ से दोगुनी तक बढ़ गई है।
सर्दी में दिल व सांस के मरीज करें बचाव
– पर्याप्त पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें।
– सिगरेट, बीड़ी आदि के प्रयोग से बचें।
– भारी और अचानक शारीरिक श्रम से बचें।
अत्यधिक सर्दी में बहुत देर तक बाहर रहने से बचें।
– लकड़ी की आग या हीटर से निकलने वाले धुएं से सावधान रहें।
– अपने रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर नियमित रूप से नजर रखें।
– तनाव कम करने की कोशिश करें और सात से आठ घंटे की पर्याप्त नींद लें।
– अपने हाथ-पैरों को गर्म रखें। इससे शरीर के मुख्य अंगों में रक्त प्रवाह बना रहता है।
– सर्दियों में बाहर निकलते समय गर्म कपड़े पहनें, जिसमें टोपी, दस्ताने और स्कार्फ शामिल रखें।
– जीवनशैली में बदलाव करें, घर के अंदर व्यायाम करें, जैसे योग, चलना या घर के अंदर के खेल।
– एक संतुलित और स्वस्थ आहार लें, जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज व प्रोटीन शामिल रहे। वसायुक्त खाद्य पदार्थ से बचें।
