3 घंटे बाद अखिलेश यादव सशर्त रिहा; CM योगी का पलटवार

Lucknow

(www.arya-tv.com)नए किसान कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को कन्नौज से प्रदेश में किसान पदयात्रा का ऐलान किया था। लेकिन कन्नौज जाने से पहले उन्हें घर में एक तरह से नजरबंद कर दिया गया। लेकिन दोपहर बाद अखिलेश अपने आवास से बाहर निकले। पुलिस ने घेरा बनाकर उनका रास्ता रोक लिया। इस दौरान सपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई तो अखिलेश धरने पर बैठ गए।

करीब 20 मिनट धरने के बाद करीब दो बजे पुलिस ने अखिलेश यादव व तमाम कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर इको गार्डन धरना स्थल पहुंचाया। इस दौरान कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने बल भी प्रयोग किया। शाम 5 बजे पुलिस ने उन्हें सशर्त रिहा कर दिया है। अखिलेश ने आश्वासन दिया है कि वे सीधे घर जाएंगे।

किसानों की आवाज दब नहीं सकती

अखिलेश ने कहा कि सरकार किसानों की आवाज नहीं दबा सकती है। आज मुझे कन्नौज जाने से रोका गया है। कार्यक्रम की अनुमति कोरोना संकट काल का हवाला देकर नहीं दी गई। जब भाजपा या सरकार कोई कार्यक्रम करती है तो कोरोना नहीं होता है, लेकिन हम किसानों की आवाज उठाना चाहते हैं तो हमें कोरोना हो जाएगा। सपा किसानों को जागरुक करेगी। बता दें कि रविवार रात से ही पुलिस ने लखनऊ में अखिलेश के घर और सपा के कार्यालय को बैरिकेडिंग कर घेर लिया। पूरे इलाके को सील कर दिया गया।

सांसद अखिलेश ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र
अखिलेश यादव ने सांसद के विशेष अधिकारों के हनन को लेकर लोकसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है। जिसमें कहा है कि यूपी सरकार के इशारे पर पुलिस प्रशासन के मुझे कन्नौज जाने से रोका है। मेरे वाहनों को भी कब्जे में लिया गया। यह राज्य सरकार का अलोकतांत्रिक व्यवहार है। मेरे नागरिक अधिकारों का हनन है। मैं सपा का राष्ट्रीय होने के अलावा यूपी के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी भी निर्वहन कर चुका हूं।