यूपी में आंधी-तूफान से हुई मौतों पर अखिलेश यादव ने जताया दुख, योगी सरकार से की मदद की मांग

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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीते तीन दिनों में राज्य भर में आंधी, बारिश और तूफान से हुई तबाही पर गहरा शोक जताया है. उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 50 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जो बेहद दर्दनाक है. उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए सरकार से तुरंत राहत और मुआवजे की मांग की है.

अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में तेज आंधी और बारिश ने भारी तबाही मचाई है. लाखों लोग प्रभावित हुए हैं. दर्जनों घर गिर गए हैं और कई परिवार उजड़ गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर समेत लखनऊ, कानपुर, फतेहपुर, मेरठ, बागपत, हाथरस और अलीगढ़ जैसे जिलों में मौतें हुई हैं. अकेले लखनऊ और उसके आसपास के 10-12 जिलों में 17 लोगों की मौत हुई है, जबकि कानपुर और आसपास के जिलों में करीब 22 लोग जान गंवा चुके हैं. फतेहपुर में 6 लोगों की मौत और पश्चिमी यूपी के मेरठ-बागपत में 4 मौतें सामने आई हैं.

सरकार से नहीं चाहिए सिर्फ घोषणाएं, चाहिए जमीनी मदद- अखिलेश यादव

पूर्व मुख्यमंत्री ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सिर्फ कागजों पर घोषणाएं करने से पीड़ितों को राहत नहीं मिलती. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह पूरी संवेदनशीलता के साथ पीड़ितों को मुआवजा दे और पुनर्वास की दिशा में भी त्वरित कदम उठाए. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार की घोषणाएं अक्सर जमीनी सच्चाई से कोसों दूर रहती हैं. चाहे किसान हों, गरीब हों या आपदा पीड़ित, सबको केवल आश्वासन मिलते हैं, लेकिन राहत नहीं.

अखिलेश यादव ने कहा कि लोकतंत्र में जनहित और लोककल्याण सर्वोपरि होना चाहिए, लेकिन बीजेपी सरकार भेदभावपूर्ण रवैया अपनाती है. उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में भी जब राज्य में बाढ़, ओलावृष्टि या सूखा पड़ा, तब भी सरकार ने पीड़ितों को केवल कागजी मदद दी, जबकि वास्तविकता यह रही कि ज्यादातर पीड़ितों तक राहत पहुंची ही नहीं.

पृष्ठभूमि में बढ़ते मौसमीय संकट और संवेदनशीलता की जरूरत

गौरतलब है कि उत्तर भारत में मई महीने के दूसरे पखवाड़े में असामान्य रूप से तेज आंधी, बारिश और बिजली गिरने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी किया था कि इस बार मई-जून के दौरान पश्चिमी विक्षोभ और स्थानीय वायुमंडलीय अस्थिरता के चलते तेज हवाएं और आंधी चल सकती है. बावजूद इसके, सरकार की तैयारी नाकाफी रही, जिसका खामियाजा आम लोगों को जान-माल के नुकसान के रूप में भुगतना पड़ा.

अखिलेश यादव ने सरकार से मांग की है कि हर प्रभावित जिले में त्वरित राहत शिविर लगाए जाएं, मृतकों के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा और घायलों का समुचित इलाज सुनिश्चित किया जाए. साथ ही भविष्य के लिए आपदा प्रबंधन को मज़बूत किया जाए, ताकि ऐसी घटनाओं में जान-माल की क्षति रोकी जा सके.