‘BJP अब पुलिसवालों को भी नहीं बचाएगी’, नोएडा फर्जी एनकाउंटर मामले में अखिलेश यादव का हमला

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नोएडा में कथित फर्जी एनकाउंटर के मामले में दर्ज हुई एफआईआर के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले में बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जिन 12 पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ है, अब उन्हें न तो बीजेपी सरकार बचाएगी और न ही कोई बीजेपी नेता उनके पक्ष में खड़ा होगा.

अखिलेश यादव ने कड़े शब्दों में कहा, “बीजेपी खुद ऐसे फर्जी एनकाउंटर करवाती है और जब पुलिसकर्मी फंसते हैं तो उन्हें अकेला छोड़ देती है. हमने पहले भी पुलिस को आगाह किया था कि बीजेपी के कहने पर कानून से बाहर जाकर कोई कार्रवाई करना आगे चलकर भारी पड़ सकता है. आज वही हो रहा है.” सपा प्रमुख ने कहा – बीजेपी से जुड़कर गैरकानूनी काम करने वाले पुलिसकर्मियों को अंजाम भुगतना होगा.

सपा प्रमुख ने आगे कहा, “जब कोई पुलिसवाला हत्या का आरोपी बनता है, तो वह अकेला जेल जाता है, लेकिन उसके परिवार को समाज में हत्यारे का रिश्तेदार कहकर तिरस्कार झेलना पड़ता है. बीजेपी ऐसे समय में किसी का साथ नहीं देती. यह पार्टी सिर्फ इस्तेमाल करना जानती है, निभाना नहीं.”

क्या था पूरा मामला

गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में एक युवक के कथित फर्जी एनकाउंटर का मामला सामने आया था, जिसमें पुलिस पर जानबूझकर गोली मारने और घटना को मुठभेड़ का रूप देने का आरोप लगा था. परिजनों की शिकायत पर इस मामले में जांच के बाद नोएडा पुलिस के 12 जवानों पर हत्या और आपराधिक साजिश की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है.

पुलिसिया कार्रवाई पर उठने लगे सवाल 

यह मामला सामने आने के बाद प्रदेशभर में पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं. मानवाधिकार संगठनों ने भी इस पर चिंता जताई है. विपक्षी दल पहले ही योगी सरकार के एनकाउंटर नीति को लेकर मुखर रहे हैं.

योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी सरकार ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दावा करते हुए बड़ी संख्या में एनकाउंटर किए हैं. सरकार का कहना है कि इससे अपराध नियंत्रण में आया है. वहीं विपक्ष का आरोप है कि इस मॉडल के नाम पर कई बेगुनाहों को मारा गया और कई मामले फर्जी तरीके से पेश किए गए.

बीजेपी की राजनीति में न इंसानियत है, न स्थायित्व और न ही जिम्मेदारी

अखिलेश यादव ने कहा कि अब समय आ गया है कि पुलिसकर्मी बीजेपी के इशारों पर कानून तोड़ने के बजाय संविधान और कानून का पालन करें. उन्होंने दोहराया कि बीजेपी की राजनीति में न इंसानियत है, न स्थायित्व और न ही जिम्मेदारी. वहीं फर्जी एनकाउंटर जैसे मामलों में बीजेपी सरकार की चुप्पी अब पुलिस महकमे के भीतर भी सवाल खड़े कर रही है. आने वाले दिनों में यह मामला राज्य की कानून-व्यवस्था और सियासी दिशा को और प्रभावित कर सकता है.