(www.arya-tv.com) सपा मुखिया अखिलेश यादव करीब 5000 कारोबारियों के साथ इसको लेकर पार्टी मुख्यालय में व्यापारी सम्मेलन करने की तैयारी में लग गए है।छात्र, नौजवान और जातीय समीकरण बैठाने के बाद अब समाजवादी पार्टी रिटेल कारोबारियों और उद्यमियों को अपने पक्ष में खड़ा करने में लग गई है।
इसमें अलग – अलग सेक्टर के कारोबारी और उद्यमी हिस्सा लेंगे। सम्मेलन में उनकी समस्याएं, आने वाले सरकार से उम्मीद और कारोबार और उप्र के विकास के संदर्भ में चर्चा की जाएगी। उसके बाद सपा कारोबार और इंडस्ट्री से संबंधी अपना घोषणा पत्र तैयार करेगी।
5 दिसंबर को यह सम्मेलन सपा पार्टी कार्यालय में होगा। यह सम्मेलन पहले 21 नवंबर को होने वाला था। लेकिन अखिलेश यादव के पास समय का अभाव होने की वजह से अब इसकी डेट बढ़ा दी गई है। इसमें गैर राजनीतिक व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों को भी बुलाया जाएगा। जिससे कि पार्टी लाइन के इतर के लोगों से भी संपर्क किया जा सके। स्मॉल इंडस्ट्री मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन के अध्यक्ष के शैलेन्द्र श्रीवास्तव बताते है कि उनके संगठन को भी बुलावा आया है। वह लोग अपनी बात रखेंगे। बताया कि मौजूदा समय सबसे खराब स्थिति कारोबारियों की है। पिछले एक साल के आंकड़ों में यह बात सामने आई है कि सबसे ज्यादा आत्महत्या व्यापारियों ने किया है। यह बताता है कि उनकी स्थिति कितनी खराब हो गई है।
ऑन लाइन कारोबार से सबसे ज्यादा प्रभावित
मौजूदा समय रिटेल और छोटा उद्यमी ऑन लाइन कारोबार से सबसे ज्यादा प्रभावित है। स्थिति यह है कि हर सेक्टर 60 फीसदी तक कारोबार गिर गया है। सपा की सरकार में ऑन लाइन कारोबार पर कंट्रोल किया गया था। समाजवादी व्यापार सभा के उपाध्यक्ष पवन मनोचा बताते है कि उस समय पांच हजार से ज्यादा के ऑन लाइन ऑर्डर पर अतिरिक्त चार्ज लगाया गया था। इसकी वजह से छोटे कारोबारियों को बहुत राहत मिली थी। दरअसल, ऑन लाइन कंपनियां कई सामान होल सेल रेट से भी सस्ता देती है। इसकी वजह से रिटेल सेक्टर की स्थिति बहुत खराब हो गई है।
नहीं मिल पाता बिजली कनेक्शन
उप्र के इंडस्ट्री इलाकों का विकास भी एक बड़ा मामला है। व्यापारी नेता सुमित गुप्ता का कहना है कि कानपुर, लखनऊ, कानपुर देहात, प्रयागराज, मुरादाबाद, भदोही, मऊ समेत कई शहरों में इंडस्ट्री इलाकों का पर्याप्त विकास नहीं हुआ है। यहां सड़क से लेकर बिजली की स्थिति बहुत ज्यादा खराब है। स्थिति यह है कि यूपीएसआईडीसी की तरफ से पिछले कई साल से कोई काम नहीं कराया गया है। यहां तक की अगर कोई कारोबारी इंडस्ट्री शुरू करना चाहता है तो उसको बिजली कनेक्शन लेने में सालों ल ग जा रहे है। सिंगल विंडो सिस्टम और आन लॉइन का दावा बेकार साबित हुआ है।
जातिवादी कार्ड खेलेगी सपा
राजनीतिक मामलों के जानकार शिया कॉलेज पत्रकारिता विभाग के हेड डॉक्टर प्रदीप शर्मा का कहना है कि इस सम्मेलन के माध्यम से अखिलेश वैश्य, बनिया, गुप्ता और अग्रवाल , सिंधी समाज को अपने पक्ष में कर सकती है। उन्होंने बताया कि पिछले कई साल से कारोबार की स्थिति बहुत खराब है। कारोबारियों को अपने पक्ष में कर वह अपने लिए एक अच्छा वोट बैंक बना सकते हैं। हालांकि यह वर्ग बीजेपी का वोटर रहा है। ऐसे में यह काम इतना आसान भी नहीं होगा। लेकिन अगर कुछ प्रतिशत लोग भी टूटते हैं तो सपा को काफी फायदा होगा।