हैदराबाद। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) नेता वारिस पठान को आपत्तिजनक बयानबाजी करना भारी पड़ गया है। वारिस पठान के खिलाफ कर्नाटक के कलबुर्गी पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
क्या कहा था एआईएमआईएम नेता ने
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ कर्नाटक के गुलबर्गा में 19 फरवरी को एक जनसभा में बोलते हुए वारिस पठान अपना आपा खो बैठे थे। उन्होंने कहा था कि समय आ गया है कि हम एकजुट हो जाएं और आजादी लें। हम 15 करोड़ ही 100 करोड़ लोगों पर भारी हैं।
क्या हुई है कार्रवाई
भारतीय दंड सहिंता(IPC) की धारा 117, 153(दंगा फैलाने के लिए भड़काना) और धारा 153ए(दो समूहों में नफरत फैलाना) के तहत केस दर्ज किया गया है।
वारिस पठान के भाषण पर लगी रोक
वारिस पठान के भड़काऊ बयान पर पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक्शन लिया है। बयान के बाद पार्टी को लगी चौतरफा पटकार के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने वारिस पठान के मीडिया से बात करने पर रोक लगा दी है। अब जबतक पार्टी इजाजत नहीं देगी तबतक वारिस पठान सार्वजनिक रूप से बयान नहीं दे पाएंगे।
वारिस पठान AIMIM के प्रवक्ता हैं और हिन्दी पट्टी में पार्टी का जाना-माना चेहरा हैं। रैली में वारिस पठान बोले थे ‘हमने ईंट का जवाब पत्थर से देना सीख लिया है। मगर हमको इकट्ठा होकर चलना पड़ेगा। आजादी लेनी पड़ेगी और जो चीज मांगने से नहीं मिलती है, उसको छीन लिया जाता है।’
वारिस पठान ने नहीं मांगी है माफी
जब बयान पर विवाद बढ़ा तो वारिस पठान ने सफाई दी लेकिन माफी मांगने से इनकार कर दिया। वारिस पठान ने कहा कि मैंने देश और किसी धर्म के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा है। सीएए के खिलाफ हर धर्म के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। बीजेपी के नेता तो गोली मारने की बात तक कहते हैं। बीजेपी देश के लोगों को अलग करना चाहती है। लोगों को समझना जरूरी है. मैं अपने बयान पर माफी नहीं मांगूंगा।