आगरा में बीजेपी के आगे पिछड़ी बसपा, क्या कोर वोट बैंक ने छोड़ा मायावती का साथ?

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राजनीतिक परिक्षेत्र में दलित राजधानी के नाम से ताजनगरी आगरा को पहचाना जाता है. आगरा में दलित वोट बैंक की संख्या बहुत अच्छी है और यही कारण रहा था कि एक दौर में आगरा की 9 विधानसभा सीट में से 6 पर बसपा का कब्जा था और दो सांसद में से एक सांसद बसपा का था पर अब बसपा के हाथ खाली है. आगरा को दलित राजधानी कहा जाता पर यहां से अब बसपा को लगातार झटके मिल रहे हैं.

अब इस दलित नगरी में बसपा की हालत ये है कि प्रत्याशी तीसरे नंबर पर आ रहे हैं. बसपा प्रत्याशी को अपनी जमानत बचाने के लिए जूझना पड़ रहा है. आगरा लोकसभा सीट से बसपा के हाथ खाली ही रहे और 2024 के परिणामों में बसपा के हाथ कुछ नहीं लगा बल्कि जो स्थिति बसपा की पिछले चुनाव में रहती थी, अब इस बार उससे भी नीचे चली गई.

कोर वोट बैंक ने छोड़ा बासपा का साथ

क्या बसपा के कोर वोट बैंक ने बसपा साथ नहीं दिया है, जिस वोट बैंक से बसपा अध्यक्ष मायावती चार चार बार प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी. वो वोट बैंक अब खिसक रहा है. बसपा को 2024 के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार भी परिणाम नहीं मिले. ताजनगरी आगरा में बसपा लोकसभा चुनाव के लिहाज से टक्कर में रहती थी पर इस बार बसपा तीसरे नंबर पर पहुंच गई.

बासपा के वोट बैंक में सेंधमारी 

आगरा लोकसभा सीट पर कड़ी टक्कर देने वाली बसपा अब चुनावी फाइट में भी नजर नहीं आई. आगरा में लोकसभा चुनाव हो या निकाय चुनाव बसपा ने हमेशा टक्कर दी थी और दूसरे नंबर की पार्टी बनकर सामने आती थी पर अब बसपा का आगरा में नंबर बदल गया. शायद अब बसपा का वोट बैंक बट गया है, जिस वोट बैंक के सहारे बसपा का दबदबा कायम था क्या उस वोट बैंक में सेंधमारी हो चुकी है और 2024 के लोकसभा चुनाव में वोट बैंक तीन जगह चला गया, जिससे बसपा के हाथ खाली ही रह गए.

आगरा जीतने का सापना चकनाचूर 

दलित राजधानी आगरा में भी बसपा को संतोषजनक परिणाम नहीं मिले. क्या बसपा अध्यक्ष की वर्तमान की राजनीति की वजह से बसपा का वोट बैंक खिसक रहा है. आगरा में बसपा का दबदबा रहता था और ज्यादातर चुनाव बसपा दूसरे नंबर की पार्टी रहती थी पर इस बार आंकड़े बदल गए हैं. अब बसपा आगरा में तीसरे नंबर पर पहुंच गई.

इसका एक कारण ये हो सकता है कि बसपा का वोटर इस बार तीन जगह चला गया हो, जो वोट बैंक सीधे बसपा को फायदा पहुंचाता था अब वह अन्य दलों के पास भी जा रहा है. परिणाम में बसपा के हाथ खाली है. आखिर दलित राजधानी कहे जाने वाले आगरा में भी बसपा की करारी हार हुई है और एक बार फिर आगरा लोकसभा सीट जीतने का सपना पूरा नहीं हो सका.