आगरा।(www.arya-tv.com) राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) के ऑनलाइन फॉर्म 31 दिसंबर तक भरे जाएंगे। इसमें आवेदन करने को लेकर मेडिकल की तैयारी में जुटे अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति है। गफलत आधार कार्ड की अनिवार्यता की वजह से कोटा तय करने में सामने आ रही है, साथ ही शैक्षिक बोर्ड के कोड ने इस दिक्कत को और बढ़ा दिया है।
दरअसल वर्ष 2020 में मेडिकल के सभी तरह के कोर्सो में प्रवेश नीट के माध्यम से होंगे, एम्स और जिपमर में भी। लिहाजा साल में एक बार होने वाली मेडिकल प्रतियोगी परीक्षा का ऑनलाइन फार्म भरने में छात्र-छात्रएं बेहद सावधानी बरत रहे हैं। यह लाजमी भी है, क्योंकि अभ्यर्थियों को डर है कि उनका फार्म जरा सी गलती से निरस्त न हो जाए, वर्ना उनकी साल भर की मेहनत और समय बर्बाद हो जाएगा। आधारकार्ड नंबर की अनिवार्यता ने बाहर तैयारी करने वाले छात्रों की दुविधा बढ़ा दी है।
बलूनी क्लासेज के डॉ. ललितेश यादव का मानना है कि साथ ही फार्म भरने से पहले सावधानी से निर्देश पढ़ें। जहां का मूल निवास प्रमाण पत्र है, वहां 15 फीसद कोटा के अंदर उसी राज्य को भरें। जबकि जहां से 12वीं पास की है, लेकिन वहां के रहने वाले नहीं हैं, तो गैर राज्य कोटा के लिए उस राज्य का नाम भरें। हालांकि गलत फार्म भरने पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने 15 दिन का समय फॉर्म संशोधन को भी दिया है।
नीट रिजल्ट में हर साल अलग-अलग राज्यों का एक कोटा निर्धारित होता है। शहर के काफी प्रतिभागी छात्र दिल्ली और कोटा जाकर तैयारी करते हैं। दोनों जगह उनके एडमिशन भी होते हैं, जिनमें एक डमी होता है। छात्रों में इसी बात को लेकर असमंजस है कि वे फार्म में आधार कार्ड का पता भरते हैं तो उनका कोटा निवास के हिसाब से तय होगा। वहीं छात्रों को फॉर्म में शैक्षिक बोर्ड का कोड भी भरना है। जिसके कोड अलग हैं। ऐसे में वह छात्र जो, 12 वीं में पढ़ते हैं या 12वीं पास कर चुके हैं, उन्हें कोड व बोर्ड कोड, दोनों का उल्लेख करना है।
