(www.arya-tv.com) बरेली के इज्जतनगर थाना क्षेत्र से अपह्रत एक कंपनी के जिला डिस्ट्रीब्यूटर को पुलिस ने बरामद कर लिया। सर्विलांस और एसओजी टीम ने दवा कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर और उसके 2 दोस्तों को गिरफ्तार किया है।
डिस्ट्रीब्यूटर प्रांजल ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि दवा कंपनी की 4 लाख रुपए की देनदारी थी। इस देनदारी को उतारने के लिए मैंने खुद अपने दोस्तों से फर्जी तरह से खुद का अपहरण कराया। जिससे अपने परिवार से 20 लाख रुपए फिरौती दोस्तों को दिलवा सकूं।
सोमवार रात बहन को कॉल की
बरेली के गांधीपुरम निवासी अपह्रत प्रांजल एक दवा कम्पनी की सप्लाई का जिला बरेली का डिस्ट्रीब्यूटर है। कम्पनी के 4 लाख रुपये प्रांजल पर दवाई के शेष हैं। जिस कारण कम्पनी का दवाव होने पर कम्पनी का पैसा वापस न कर अपने साथियों के साथ अपने अपहरण का नाटक रचकर अपनी बहन व रिश्तेदारों से 20 लाख रुपये प्राप्त करने के लिए यह कहानी तैयार की थी।
सोमवार शाम पहले अपना मोबाइल स्विच ऑफ किया, फिर दोस्त को व्हाट्सएप कॉल की। जिसके बाद अपनी छोटी बहन जूही को कॉल करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने मेरा अपहरण कर लिया है, यदि 24 घंटे में 20 लाख नहीं मिली तो यह मेरी हत्या कर देंगे। जिसने प्लान के अनुसार अपने साथियों के द्वारा अपने मोबाइल से 20 लाख रुपये की फिरौती अपने छोडने के एवज में मंगवाने के लिए कॉल की। कॉल पर प्रांजल के दोस्त ने कहा कि जान प्यारी है तो पैसों को इंतजाम कर लो।
दोस्तों में बंधवाए हाथ पैर
प्रांजल ने पुलिस को बताया कि सिद्धार्थ और कौशिक मेरे पुराने दोस्त हैं। जिनसे पूर्व में मोबाइल पर भी बातचीत होती थी। वही शहर में कई अलग-अलग स्थानों पर वह मिलते रहते थे। मैंने अपनी कंपनी के जो 4 लाख रुपए थे वह शराब पार्टी के चक्कर में कंपनी का पैसा बढ़ता गया और कंपनी लगातार अपने पैसे की डिमांड कर रही थी।
इसलिए मैंने अपने दोस्तों से पूरी बात शेयर की। दोस्त सिद्धार्थ ने फर्जी अपहरण की सलाह दी। दोस्तों ने यह प्लानिंग करते हुए कहा कि इतना पैसा मांगेंगे जिससे कंपनी की देनदारी खत्म हो जाएगी, और बाकी पैसे का बंटवारा कर लेंगे। जिसने खुद दोस्तों से ब्रम्हदेव के पेड के नीचे पराग डेरी करगैना रोड बदायुं से बरामद किया। जिसके हाथ पैर बंधे हुए थे। प्रांजल और उसके दोस्त पैसों के इंतजार में पेड़ के नीचे बैठे रहे, सादा कपड़ों में पुलिस पहुंच गई।
पुलिस के सामने माफी मांगी
अपहरण की फर्जी तरह से साजिश रचने वाले प्रांजल से एसपी क्राइम मुकेश कुमार और एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने पूछताछ की। जब पुलिस ने तीनों को अरेस्ट किया तो प्रांजल अधिकारियों के हाथ पैर जोड़ने लगा। प्रांजल ने कहा कि साहब मेरे पिता की मौत हो चुकी है, मां बीमार रहती है। मुझे जेल मत भेजिए।
यह बोले एसएसपी
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि प्रांजल खुद अपने परिवार से 20 लाख फिरौती के वसूलवाना चाहता था। जिसके लिए फर्जी तरह से दोस्तों के साथ मिलकर खुद का अपहरण कराया।