तो कांग्रेस की हार के बाद यूपी में I.N.D.I गठबंधन की ‘स्टेयरिंग’ अपने हाथ में लेना चाहते हैं अखिलेश? जानें वजह

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com) विधानसभा चुनावों में कांग्रेस हिंदी पट्टी में पूरी तरह साफ हो गई. लिहाजा, उसकी 2024 की चुनावी रणनीति को बड़ा झटका लगा है. उधर, इन चुनावों में इंडिया गठबंधन के दलों का अलग-अलग लड़ना और कांग्रेस की बड़ी हार ने क्षेत्रीय दलों को भी आक्रामक होने का मौका दे दिया है. खासकर, यूपी में मजबूती के लिए इंडिया गठबंधन की ‘स्टेयरिंग’ सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने हाथ में रखने पर जोर देना शुरू कर दिया है.

हाल ही  में संपन्न हुए पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस की तीन प्रदेशों में हार के बाद इंडिया गठबंधन में हड़कंप मचा हुआ है. सभी मुख्य क्षेत्रीय दल कांग्रेस पर हमलावर हैं. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने तो यहां तक कह दिया कि इस हार से इंडिया गठबंधन मजबूत हुआ है और 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार सुनिश्चित है. आखिर अखिलेश यादव का यह बयान किस आधार पर है? दरअसल, अब अखिलेश यादव कांग्रेस पर यूपी में सीट बंटवारे को लेकर मनोवैज्ञानिक दबाव बना रहे हैं. ऐसा ही कुछ, बिहार, वेस्ट बंगाल में भी देखने को मिल सकता है.

दरअसल, हिमाचल-कर्नाटक जीत के बाद कांग्रेस इन विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत को लेकर आश्वस्त थी. लिहाजा, जहां इंडिया गठबंधन को सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए बताकर सहयोगी दलों से किनारा कर लिया. इस दौरान उसने चुनावी राज्यों में सीट शेयरिंग तो दूर सहयोगी दलों पर खूब सियासी तीर भी छोड़े. वहीं इंडिया गठबंधन की बैठकें, सभाएं भी ठप कर दीं. कांग्रेस की योजना थी कि चुनावी राज्यों में सत्ता में आने पर सहयोगी दलों को मजबूत कांग्रेस का संदेश दिया जा सकेगा. ऐसे में 2024 के लिए क्षेत्रीय दलों पर सीट शेयरिंग का दबाव बनाया जा सकेगा. उधर, इन राज्यों के आए परिणामों ने कांग्रेस की पूरी रणनीति पर पानी फेर दिया. लिहाजा, विधानसभा चुनाव में सहयोगी दलों से पड़ी दरार को पाटने के लिए कांग्रेस ने 6दिसम्बर को पार्टी प्रमुखों की बैठक बुला डाली. मगर, क्षेत्रीय दलों के प्रमुखों ने भी बैठक से किनारा कर कांग्रेस को अपनी रणनीतिक मंशा जाहिर कर दी.

इंडिया गठबंधन की मजबूती, कांग्रेस की मजबूरी
2024 में मोदी का मुकाबला अकेले दम पर कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा. इसका संदेश विधानसभा चुनाव परिणामों ने दे दिया है. लिहाजा, अब कांग्रेस का इंडिया गठबंधन की मजबूती पर जोर देना लाजिमी है. वहीं क्षेत्रीय दलों का अपना समीकरण है. वह अपनी सियासी जमीन पर कांग्रेस को पूरी बागडोर देने के मूड में नहीं है. लिहाजा, कांग्रेस को अपनी शर्तों के आधार पर ही सियासी जमीन पर सीमित मौका देने की रणनीति बना रहे हैं. इसके लिए यूपी में इंडिया गठबंधन का नेतृत्व सपा अपने हाथ में लेने का प्रयास करेगी, क्योंकि सपा मुखिया खुद कई बार राज्यों में मजबूत क्षेत्रीय दलों के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव लड़ने की सलाह दे चुके हैं. वहीं क्षेत्रीय दलों को अब पूरी संभावना है कि बड़ी पराजय के बाद कांग्रेस भी अब सकारात्मक भूमिका निभाएगी, जिससे इंडिया गठबधंन मजबूत होगा