अमेरिकी सांसद ने दावा किया- यहां 6 विमान खड़े हैं, नागरिक भी इंजतार में हैं लेकिन तालिबान इन्हें जाने नहीं दे रहा

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(www.arya-tv.com)अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को गए हुए एक हफ्ता हुआ है, लेकिन करीब 1000 अमेरिकी नागरिक अब भी अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं। उनके साथ कई ऐसे अफगानी नागरिक भी हैं, जिनके पास अमेरिकी वीजा है। एयरपोर्ट पर रेस्क्यू विमान भी हैं, लेकिन तालिबान इन्हें जाने नहीं दे रहा।

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी संसद के निचले सदन में सीनियर रिपब्लिकन माइक मैक्कॉल ने बताया कि अमेरिकी और अफगानी नागरिकों को ले जाने के लिए मजार-ए-शरीफ एयरपोर्ट पर छह विमान खड़े हैं, लेकिन उन्हें उड़ने नहीं दिया जा रहा है।

मजार-ए-शरीफ एयरपोर्ट पर काबुल एयरपोर्ट जैसा नजारा
मैक्कॉल के मुताबिक, अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ शहर के एयरपोर्ट पर कुछ वैसा ही नजारा है जैसा कुछ दिन पहले काबुल एयरपोर्ट पर था। लोग यहां भीड़ लगाकर इस उम्मीद में खड़े हैं कि तालिबान उन्हें देश छोड़कर जाने देगा। यहां खड़े छह विमानों को तालिबान की तरफ से क्लियरेंस नहीं मिला है, इसलिए ये उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। मैक्कॉल ने कहा कि तालिबान ने इन लोगों को बंधक बना रखा है और विमानों को अुनमति देने के बदले में वे अपनी मांगें पूरी करवाना चाहता है।

यह विवाद ऐसे समय में आया है जब काबुल एयरपोर्ट से भयावह तस्वीरें दुनिया के सामने आ चुकी हैं। एयरपोर्ट पर रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मची भगदड़ में करीब 20 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद फिदायीन हमलों में 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए और 170 से ज्यादा अफगानी मारे गए।

तालिबान ने नकारे मैक्कॉल के आरोप
तालिबानी प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा- यह सच नहीं है। हमारे मुजाहिदीनों का आम अफगानी नागरिकों से कोई लेना-देना नहीं है। यह सिर्फ प्रोपेगैंडा है और हम इसे नकारते हैं।

विदेश मंत्रालय को उम्मीद है कि तालिबान वादा निभाएगा
हालांकि, मीडिया में ऐसी भी कई रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं जो अमेरिकी सांसद के इस दावे को खारिज करती हैं। रॉयटर्स के मुताबिक, एयरपोर्ट पर फंसे यात्रियों को बंधक कहना गलत होगा। विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि अमेरिका उम्मीद करता है कि तालिबान अपना वादा निभाएगा और लोगों को आजादी के साथ जाने देगा।