हत्या या हादसा? वकील की मौत पर बोलीं साध्वी, सीबीआई जांच से खुलेगा असली राज

## Lucknow UP

“मैं बोलूं तो इल्जाम है बगावत का

मैं चुप रहूं तो बेबसी सी होती है।”

आर्य टीवी डेस्क। वशीर भद्र की इन पंक्तियों से प्रख्यात हिन्दुवादी नेता साध्वी प्राची ने पालघर हत्याकांड मामले के वकील दिग्विजय सिंह की मौत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। साध्वी ने कहा कि इस हत्या की सीबीआई जांच होनी चाहिए। अचानक वकील की हत्या कई सवाल खड़े कर रही है।

साध्वी प्राची ने कहा कि वकील दिग्विजय त्रिवेदी पालघर मॉब लिंचिंग मामले में साधुओं का पक्ष रखने जा रहे थे। मुंबई अहमदाबाद नेशनल हाइवे पर उनकी कार का एक्सिडेंट हुआ जिसमें उनकी मौत हो गई। यह एक्सिडेंट कई सवाल खड़े कर रहा है।

महाराष्ट्र सरकार से संतों का विश्वास उठ गया

साध्वी ने कहा कि पालघर के पूरे मामले में महाराष्ट्र सरकार लीपापोती करती नजर आई है। अभी तक आरोपियों को सख्त सजा नहीं मिल सकी है। महाराष्ट्र सरकार से संतों का विश्वास उठ गया है। इसलिए इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। महाराष्ट्र सरकार में सब कुछ संभव है। संतों की हत्या भी हो सकती है।

साध्वी ने कहा कि इस हत्याकांड के पीछे एक मिशनरी ग्रुप लगतार सक्रिय है जो कि आरोपियों को बचाने में लगा है। उसकी भी जांच होनी चहिए।

क्या है पूरा मामला

अप्रैल महीने में पालघर के गड़चिनचले गांव में भीड़ ने दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। भीड़ के हत्थे चढ़े साधु मुंबई के जोगेश्सवरी पूर्व स्थित हनुमान मंदिर के थे। ये साधु मुंबई से सूरत अपने गुरु के अंतिम संस्कार में जा रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते पुलिस ने इन्हें हाइवे पर जाने से रोक दिया। फिर गाड़ी में सवार साधु ग्रामीण इलाके की तरफ मुड़ गए, जहां मॉब लिंचिंग के शिकार हो गए।

संत समाज में इस घटना पर है गुस्सा

साधुओं की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्य्क्ष नरेंद्र गिरी महाराज ने इस घटना पर कहा था कि पालघर में जूना अखाड़े के दो संतों के साथ जो हुआ वो बेहद दर्दनाक है। उन्होंने कहा कि साधुओं की मौत पर मुझे आश्चर्य है कि यह मनुष्य नहीं कर सकता, राक्षस लोग ही ऐसा कर सकते हैं। नरेंद्र गिरी महाराज ने ये भी कहा कि महाराष्ट्र में अब रावण राज आ गया है, जहां निर्दोष संत-महात्माओं को मारा जा रहा है, बिना किसी अपराध के मारा जा रहा है।

संतों हमें विराधू दो,यह संयोग नहीं प्रयोग है