(www.arya-tv.com) इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को लिव इन रिलेशन में रहने वाले अंतरधार्मिक जोड़े को बड़ी राहत दी है। कहा कि बालिग जोड़े अपनी मर्जी से साथ रह सकते हैं। इसी के साथ गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नर को जोड़े की सुरक्षा का निर्देश दिया है।
युवक और युवती ने परिवार से जान का खतरा बताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई थी। दोनों ने बालिग होने के आधार पर सुरक्षा की कोर्ट में गुहार लगाई थी। कोर्ट ने बालिग होने के आधार पर दोनों को सुरक्षा देने का निर्देश दिया है। यह आदेश जस्टिस सुरेंद्र सिंह ने गौतमबुद्धनगर की रजिया व अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
कोर्ट ने कहा बालिग जोड़े को अपनी पसंद से साथ रहने या शादी करने की पूरी स्वतंत्रता है।किसी को भी उसके इस अधिकार में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। उसके इन अधिकारों में हस्तक्षेप अनुच्छेद 19 व 21 का उल्लंघन होगा। याची का कहना था कि दोनों बालिग है। अपनी मर्जी से लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं। भविष्य में शादी करना चाहते हैं। मां बाप व परिवार के लोग नाखुश हैं। धमका रहे हैं। आशंका है कि उसकी ऑनर किलिंग की जा सकती है। 4 अगस्त 2023 को पुलिस कमिश्नर को शिकायत कर संरक्षण मांगा किंतु कोई कार्रवाई न होने पर हाईकोर्ट की शरण ली है। याचियों के खिलाफ अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं है। अपर शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि दोनों अलग धर्म के है। मुस्लिम कानून में यह जाना है,दंडनीय गुनाह है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों के हवाले से कहा कि किसी भी बालिग जोड़े को अपनी मर्जी से साथ रहने का अधिकार है।भले ही उनका जाति धर्म अलग हो।यदि कोई परेशान करे,या हिंसा करे तो पुलिस उस पर कार्रवाई करें।