(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश में हाथरस के बूलगढ़ी गांव में 19 साल की दलित युवती के साथ कथित बलात्कार और उसकी मौत के मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। अब चंदपा थाने में एक राजनेता व एक पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। हालांकि अभी यह मामला अज्ञात में है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि पीड़ित परिवार को गलत बयान देने के लिए एक राजनेता की ओर से 50 लाख रुपए देने का भी वादा किया गया था। जबकि पत्रकार ने पीड़िता के भाई से यह कहा था कि वह अपने पिता को मीडिया में गलत बयान देने के लिए मनाए। यह भी कहे कि वह सरकार की कार्रवाई से खुश नहीं है। राजद्रोह व लोगों को दंगे के लिए उकसाने के मामले में पुलिस ने चंदपा थाने में केस दर्ज किया है।
लखनऊ समेत विभिन्न जनपदों में 19 एफआईआर हुई
एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि हाथरस मामले में पीड़ित के भाई के बयान के आधार पर चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा चुका है। पूरे प्रकरण की जांच के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है। एसआईटी अलग से जांच कर रही है। परिवार को आर्थिक मदद, नौकरी, मकान देने का ऐलान हुआ। बावजूद इसके सरकार को बदनाम करने के लिए पीड़ित के गांव के आसपास जातीय संघर्ष व सांप्रदायिक दंगा कराने की मंशा से गलत सूचनाएं प्रसारित की जा रही है।
प्रशांत कुमार ने बताया कि, हाथरस में भड़काऊ खबरों को लेकर थाना चंदपा में एक एफआईआर दर्ज की गई है। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने माहौल खराब करने की कोशिश की है। आम लोगों को भड़काने का काम किया जा रहा है। कुछ लोगों को चिन्हित किया गया है। हालांकि अभी व्यक्ति विशेष पर टिप्पणी करना उचित नहीं है। साक्ष्य इकट्टा किए जा रहे हैं। कुछ लोग एक ऑडियो वायरल कर रहे थे, जिसमें पीड़ित परिवार पर गलत बयान देने और उसके बदले 50 लाख रुपए दिए जाने की बात की जा रही थी। हाथरस में कुल छह मामले अब तक दर्ज हुए हैं।
भड़काऊ पोस्टर लगाने के मामले में दो गिरफ्तार
एडीजी ने बताया कि, हाथरस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने पर जनपद बिजनौर, बुलंदशहर, अयोध्या, हाथरस, लखनऊ कमिश्नरेट में 13 अभियोग दर्ज हुए हैं। एक विवादित पोस्टर लगाने के मामले में हजरतगंज लखनऊ में अभियोग लिखा गया था। जिसमे 2 लोग पकड़े गए हैं।